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BJP Tops Again: चंदा लेने में बीजेपी ने एक बार फिर सभी दलों को छोड़ा पीछे, जानिए क्या रहा कांग्रेस का हाल

कांग्रेस ने ये जानकारी नहीं दी है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से उसे कुल चंदे में से कितना हासिल हुआ। कांग्रेस ने 2020-21 में बताया था कि उसे 10 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए हासिल हुए हैं। बता दें कि कॉर्पोरेट कंपनियां या धनवान लोग इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए ही पार्टियों को चंदा देते हैं।

नई दिल्ली। राजनीतिक दलों का खर्च चंदे से चलता है और इस मामले में बीजेपी ने सभी दलों को पीछे छोड़ रखा है। साल 2014 से बीजेपी केंद्र और तमाम राज्यों में सत्ता में आई है। तभी से उसे हर साल बढ़कर चंदा मिल रहा है। ताजा आंकड़े भी यही बता रहे हैं कि चंदा लेने में बीजेपी के आसपास फिलहाल कोई पार्टी नहीं ठहर रही। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) चंदा पाने वालों में दूसरे नंबर पर है। चुनाव आयोग की तरफ से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी को साल 2021-22 में 1917 करोड़ रुपए बतौर चंदा हासिल हुए। इससे पहले 2020-21 में बीजेपी को 752 करोड़ रुपए चंदा मिला था। यानी उसे 154 फीसदी ज्यादा चंदा मिला।

indian rupee

ममता बनर्जी की टीएमसी की बात करें, तो साल 2021-22 में उसे 545.7 करोड़ रुपए चंदे के तौर पर मिले। जबकि, 2020-21 में टीएमसी को चंदे के तौर पर 74.4 करोड़ रुपए ही मिले थे। इस तरह टीएमसी को 633 फीसदी ज्यादा चंदा मिला। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को मिले चंदे का आंकड़ा भी देख लेते हैं। कांग्रेस को 2021-22 में 541.2 करोड़ रुपए चंदे के तौर पर मिले। जबकि, 2020-21 में कांग्रेस को 285.7 करोड़ रुपए मिले थे। इस तरह कांग्रेस को चंदे में 89 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।

sonia and mamata

बीजेपी को कुल मिले चंदे में से 54 फीसदी इलेक्टोरल बॉन्ड से हासिल हुए हैं। जबकि, टीएमसी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कुल चंदे का 96 फीसदी मिला है। कांग्रेस ने ये जानकारी नहीं दी है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से उसे कुल चंदे में से कितना हासिल हुआ। कांग्रेस ने 2020-21 में बताया था कि उसे 10 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए हासिल हुए हैं। बता दें कि कॉर्पोरेट कंपनियां या धनवान लोग इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए ही पार्टियों को चंदा देते हैं। आम लोगों से पार्टियां कैश में चंदा लेती हैं।