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MJ Akbar: ‘बहादुर’ हसीना बनी बांग्लादेश में ‘दूसरी क्रांति’ की वाहक, शेख हसीना की तारीफ में क्या-क्या बोले एम जे अकबर?

M J Akbar : बांग्लादेश की वर्तमान सरकार की तारीफ करते हुए एम जे अकबर ने ये भी कहा कि शेख हसीना 2009 में सत्ता में आईं तो उन्होंने देश में आपातकाल की स्थिति को समाप्त कर दिया। उस दौरान सेना द्वारा समर्थित एक कार्यवाहक सरकार शासन कर रही थी।

नई दिल्ली। बांग्लादेश की आजादी के प्रणेता और बांग्ला बंधु कहे जाने वाले शेख मुजीब-उर-रहमान ने अपने देश की आजादी के लिए 1971 में जी जान लगा दी थी। उन्होंने महान बांग्ला क्रांति का नेतृत्व किया। उन्हीं मुजीब-उर-रहमान के बारे में बात करते हुए प्रख्यात विचारक एमजे अकबर ने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान की क्रांति ने जहां 1971 में बांग्लादेश को आजादी दिलाई, वहीं उनकी बेटी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने तानाशाही को हराकर और लोकतंत्र को फिर से स्थापित करके ‘दूसरी क्रांति’ की। इस दौरान अकबर ने शेख हसीना को एक बांग्ला बहादुर के रूप में वर्णित किया। पत्रकार और पूर्व केंद्रीय मंत्री अकबर ने यह भी कहा कि बांग्लादेश एक ‘आधुनिक’ राष्ट्र बनने की राह पर निरंतर प्रगति कर रहा है।

आपको बता दें कि भारत के प्रसिद्ध विचारकों में शुमार एम जे अकबर सोमवार को कोलकाता में एक संगठन इंडिया नैरेटिव द्वारा आयोजित एक समारोह में भारत-बांग्लादेश संबंधों पर ढाका स्थित लेखक और पत्रकार सैयद बदरुल अहसान के साथ बातचीत कर रहे थे। राज्यसभा के पूर्व सांसद अकबर ने कहा कि 1971 का युद्ध न केवल मुक्ति का युद्ध था। यह विचारधारा का युद्ध भी था।

अकबर ने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान ने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान को मुक्त करने और बांग्लादेश बनाने के लिए विद्रोह का नेतृत्व किया, जबकि उनकी बेटी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने तानाशाही को हराकर और लोकतंत्र को फिर से स्थापित करके दूसरी क्रांति का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि उन्हें बंगबीर (बांग्ला बहादुर) के रूप में वर्णित किया जा सकता है। उन्होंने नए बांग्लादेश का निर्माण करने में जो भूमिका निभाई है वो अतुलनीय है।

इसके अलावा बांग्लादेश की वर्तमान सरकार की तारीफ करते हुए एम जे अकबर ने ये भी कहा कि शेख हसीना 2009 में सत्ता में आईं तो उन्होंने देश में आपातकाल की स्थिति को समाप्त कर दिया। उस दौरान सेना द्वारा समर्थित एक कार्यवाहक सरकार शासन कर रही थी। स्वतंत्रता के 51 वर्षों के दौरान, बांग्लादेश सैन्य तख्तापलट से घिरा रहा था और 2009 से शेख हसीना का कार्यकाल लोकतांत्रिक शासन की लंबी अवधि के रूप में सामने आया है। एम जे अकबर ने कहा कि फ्रांसीसी क्रांति के समय से लोग स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के बारे में सुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब, उस आधुनिकता में एक और महत्वपूर्ण तत्व जोड़ा जाना चाहिए। आधुनिकता लोकतंत्र है, आधुनिकता धार्मिक स्वतंत्रता है, और सबसे महत्वपूर्ण, गरीबी उन्मूलन। बांग्लादेश आधुनिकता की ओर लगातार बढ़ने का प्रयास कर रहा है।