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असम विधानसभा में पास हुआ मवेशी संरक्षण बिल, मंदिर के 5 किलोमीटर दायरे में नहीं बिक सकेगी बीफ

Assam assembly: सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों ने इस बिल के पास होने पर भारत माता की जय और ‘जय श्री राम’ के नारे विधानसभा में लगाए और मेज थपथपाई। जब विधेयक पर चर्चा हो रही थी तो एकमात्र निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई सदन से बहिर्गमन कर गए।

नई दिल्ली। मवेशी संरक्षण बिल 2021, असम विधानसभा में पास हो गया है। इसके पास होने के बाद अब जल्द ही यह बिल कानून का रूप ले लेगा। जिसके बाद से अब मंदिरों के 5 किलोमीटर के दायरे में बीफ की बिक्री पर बैन लग जाएगा। बता दें कि इस नये कानून के अंतर्गत अब मंदिर के 5 किमी के दायरे में बीफ ना तो खरीदी जा सकेगी और ना ही बेची जा सकेगी। गौरतलब है कि राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस बिल के बारे में जानकारी दी कि अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बीफ नहीं खाने वाले अन्य समुदाय के अलावा हिंदू, सिख, जैन लोगों के धार्मिक स्थलों से पांच किलोमीटर के दायरे में बीफ की खरीद-बिक्री होने ना पाए। बता दें कि असम में इस तरह का कानून लागू होने के बाद धार्मिक स्थलों के 5 किलोमीटर के रेडियस में जितने भी बूचड़खाने हैं वो या तो बंद हो जाए्ंगे या फिर उन्हें कहीं और शिफ्ट होना होगा।

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वहीं असम में लागू होने वाले इस कानून में प्रावधान है कि यह कानून किसी व्यक्ति को मवेशियों का वध करने से तब तक प्रतिबंधित करेगा जब तक कि उसके पास आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हो जोकि किसी विशेष क्षेत्र के पंजीकृत पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी होंगे। इसके अलावा गाय की उम्र 14 वर्ष से अधिक होने पर ही पशु चिकित्सा अधिकारी अपनी राय पर इस संबंध में प्रमाण पत्र जारी करेगा।

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों ने इस बिल के पास होने पर भारत माता की जय और ‘जय श्री राम’ के नारे विधानसभा में लगाए और मेज थपथपाई। जब विधेयक पर चर्चा हो रही थी तो एकमात्र निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई सदन से बहिर्गमन कर गए। वहीं सरकार से विधेयक को विधानसभा की प्रवर समिति को समीक्षा के लिए भेजने के लिए विपक्षी दल कांग्रेस, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आग्रह किया, लेकिन मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कानून पर चर्चा पर अपने जवाब के दौरान प्रस्ताव को खारिज कर दिया।