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Bengal post-poll violence: कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सक्रिय हुई CBI, पश्चिम बंगाल हिंसा की जांच के लिए बनाईं 4 टीमें

Bengal post-poll violence: ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने गुरुवार को चुनाव के बाद हुई हिंसा में दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच सीबीआई को सौंप दी।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा में दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को गुरुवार को सौंपे जाने के कुछ ही घंटों बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसकी जांच की। सूत्रों ने  कहा कि इस उद्देश्य के लिए प्रत्येक में छह अधिकारियों वाली चार टीमों का गठन किया गया है। सीबीआई के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, “बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के मामलों की जांच के लिए चार विशेष जांच इकाइयां गठित की गई हैं।” सूत्र ने बताया कि प्रत्येक टीम में छह सदस्य होंगे और प्रत्येक इकाई का नेतृत्व संयुक्त निदेशक स्तर का अधिकारी करेगा। सूत्र ने यह भी कहा कि जांच अधिकारी जल्द ही जांच शुरू करने के लिए राज्य का दौरा करेंगे।

Mamta Banerjee

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने गुरुवार को चुनाव के बाद हुई हिंसा में दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच सीबीआई को सौंप दी। कम आपराधिक मामलों की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम। अदालत ने राज्य सरकार को चुनाव के बाद की हिंसा के पीड़ितों के लिए मुआवजे की तत्काल कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।

Mamata Banerjee

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सिफारिश को स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि बंगाल में अप्रैल-मई चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच सीबीआई द्वारा गठित एक विशेष टीम द्वारा की जाएगी। सीबीआई दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच करेगी। सीबीआई जांच की निगरानी के लिए एक अलग डिवीजन बेंच का गठन किया गया है। इसी तरह, चुनाव के बाद हुए कम अपराधों की जांच के लिए खंडपीठ ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया।

Bengal Violence

बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद कई जिलों में हिंसा फैली थी। हिंसा में बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं की जान चली गई थी। तमाम महिलाओं ने खुद से गैंगरेप करने का आरोप ममता की पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लगाया था। इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल हुई थीं। याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम को प्रभावित लोगों से मिलकर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था।