
नई दिल्ली। एक तरफ बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर देशभर में शोक का माहौल है। केंद्र सरकार पर विपक्षी दल लगातार रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे को लेकर दवाब बना रहे हैं। इस बीच सरकार ने इस हादसे की जांच सीबीआई को सौंप दी है। लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। सीबीआई की टीम घटनास्थल पर भी पहुंची जहां जांच भी की गई है। केंद्र पर हमलावर विपक्ष ने एक बार फिर जोरदार तंज कसा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सीबीआई जांच के आदेश जारी करने को लेकर सवाल उठाए हैं और कहा है कि ये और कुछ नहीं बल्कि मोदी सरकार का हेडलाइन मैनेजमेंट है। इसे लेकर उन्होंने पूरी क्रोनोलॉजी भी समझाई है। इसके साथ कांग्रेस नेता ने 2016 में कानपुर के नजदीक हुए एक रेल हादसे का भी जिक्र किया और बताया कि उसकी एनआईए जांच के आदेश दिए गए थे, मगर भी तक इस मामले में भी हमारे खली हाथ हैं..
जानकारी के लिए आपको बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर सरकार को सवालों के घेरे में लेते हुए कहा, “रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने अभी बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर अपनी रिपोर्ट भी नहीं दी है, उससे पहले ही CBI जांच की घोषणा कर दी गई। यह कुछ और नहीं बल्कि हेडलाइन मैनेजमेंट है, इसका कारण ये है कि सरकार डेडलाइन के भीतर ही कार्य को पूर्ण करने में असफल रही है।
रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने अभी बालासोर ट्रेन दुर्घटना पर अपनी रिपोर्ट भी नहीं दी है, उससे पहले ही CBI जांच की घोषणा कर दी गई। यह कुछ और नहीं बल्कि हेडलाइन मैनेजमेंट है, क्योंकि सरकार डेडलाइन पूरा करने में पूरी तरह से विफल है।
अब इस क्रोनोलॉजी को याद कीजिए ??
1. 20 नवंबर, 2016:…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 6, 2023
जयराम रमेश ने इस ट्वीट में एक क्रोनोलॉजी का भी जिक्र किया है…
- 20 नवंबर, 2016: इंदौर-पटना एक्सप्रेस कानपुर के पास पटरी से उतर गई. इस दुर्घटना में 150 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई।
- 23 जनवरी, 2017: तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर इस दुर्घटना की NIA जांच कराने की मांग की।
- 24 फरवरी, 2017: प्रधानमंत्री ने कहा कि कानपुर रेल दुर्घटना एक साज़िश है।
- 21 अक्टूबर, 2018: अख़बारों में रिपोर्ट आई कि NIA इस मामले में कोई चार्जशीट दाखिल नहीं करेगी।
- 6 जून, 2023: कानपुर ट्रेन हादसे पर NIA की अंतिम रिपोर्ट को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक ख़बर नहीं आई है। कोई जवाबदेही नहीं