नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र के दौरान अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति से संबंधित बिल लोकसभा में पेश किया। बता दें कि केंद्र द्वारा बिल पेश किए जाने के बाद मणिपुर को लेकर हंगामा कर रहे विपक्षियों का हमला और तेज हो गया, जिसका विरोध करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट के उस टिप्पणी का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि अगर केंद्र सरकार चाहे, तो इसके विरोध में कानून बना सकती है।
Bill to replace ordinance for control of services in Delhi introduced in Lok Sabha
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— ANI Digital (@ani_digital) August 1, 2023
इस बात को ध्यान में रखते हुए बीते दिनों केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में जाकर अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार को मिली शक्तियों को कम कर दिया था, जिसका केजरीवाल ने प्रतिकार किया और इस अध्यादेश को संसद में कानून बनने से रोकने के लिए सभी विपक्षी दलों से समर्थन की मांग की थी। आज इसी कड़ी में जब केंद्र सरकार की ओर से गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में इस संदर्भ में विधेयक पेश किया, विपक्ष एकजुट होकर हंगामा करने पर उतारू हो गया, जिस पर अमित शाह ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह से संसद का सुचारू संचालन नहीं हो सकता।
वहीं, विपक्ष की तरफ से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधऱी ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिली शक्तियों को कम करने का प्रयास कर रही है। उधर, ओवैसी ने भी संसद में कहा कि बिल को लोकसभा में पेश किया जाए या नहीं, इस संदर्भ में वोट कराया जाए। अगर वोट पक्ष में आता है, तो ही इसे संसद के पटल पर पेश किया जाए, अन्यथा नहीं। फिलहाल, दिल्ली अध्यादेश का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। अब ऐसे में आगामी दिनों में इस पर कोर्ट का क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।