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Uttar Pradesh: हर जिले में बनेंगे हॉर्टिकल्चर के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेन्स, किसानों को मिलेंगे बेहतर प्रजाति के पौध

Uttar Pradesh: योगी सरकार द्वारा नमी और तापमान नियंत्रित कर बे-मौसम गुणवत्तापूर्ण पौध और सब्जियां उगाने के लिए इंडो इजराइल तकनीक पर ही संरक्षित खेती को बढ़ावा देने का काम भी लगातार जारी है।

नई दल्ली। फल, शाकभाजी, एवं मसाले की खेती और इनका प्रसंस्करण संभावनाओं का क्षेत्र है। योगी सरकार ने इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर अगले 5 साल के लिए इनके खेती के क्षेत्रफल में विस्तार, उपज में वृद्धि और प्रसंस्करण के बाबत महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी रखा है।मसलन इस समयावधि में बागवानी फसलों का क्षेत्रफल 11.6 फीसद से बढ़ाकर 16 फीसद तथा खाद्य प्रसंस्करण 6 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद करने का लक्ष्य है। इसके लिए लगने वाली प्रसंस्करण इकाइयों के लिए बड़े पैमाने पर कच्चे माल के रूप में फलों एवं सब्जियों की जरूरत होगी।

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हॉर्टिकल्चर को बढ़ावा देने के लिए अब तक हुए काम

इसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण गुणवत्तापूर्ण प्लांटिंग मैटिरियल (पौध एवं बीज) की है। इसके लिए सरकार ने अगले 5 साल में हर जिले में एक्सिलेंस सेंटर, मिनी एक्सिलेंस सेंटर या हाईटेक नर्सरी की स्थापना करेगी। इस बाबत काम भी जारी है। मसलन चंदौली, कौशाम्बी, सहारनपुर, लखनऊ, कुशीनगर और हापुड़ में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस निर्माणाधीन है। इसी तरह बहराइच, अम्बेडकरनगर, मऊ, फतेहपुर, अलीगढ़, रामपुर, और हापुड़ में मिनी सेंटर ऑफ एक्सिलेन्स क्रियाशील हैं। सोनभद्र, मुरादाबाद, आगरा, संतकबीरनगर, महोबा, झांसी,बाराबंकी, लखनऊ, चंदौली, गोंडा, बलरामपुर, बदायूं, फिरोजाबाद, शामली और मीरजापुर में भी मिनी सेंटर ऑफ एक्सिलेंस/हाईटेक नर्सरी निर्माणाधीन हैं। अगले पांच साल में इस तरह की बुनियादी संरचना हर जिले में होगी।

सरकार के प्रोत्साहन से बागवानी के रकबे और उपज में वृद्धि

yogi aditaynath

इन्हीं संभावनाओं के चलते पिछले 5 वर्षों में किसानों को प्रोत्साहित कर फलों एवं सब्जियों की खेती के रकबे में 1.01 लाख हेक्टेयर और उपज में 0.7 फीसद की वृद्धि की गई। किसानों को गुणवत्ता पूर्ण पौध मिले इसके लिए फलों एवं सब्जियों के लिए क्रमशः बस्ती एवं कन्नौज में इंडो इजराइल सेंटर फॉर एक्सिलेंस की स्थापना हुई।

बेमौसम सब्जियां उगाने के लिए संरक्षित खेती को भी बढ़ावा दे रही सरकार

पिछले 5 वर्षों में फूल एवं सब्जी के उत्पादन के लिए 177 हेक्टेयर में पॉली हाउस/शेडनेट का विस्तार हुआ जिससे 5549 किसान लाभान्वित हुए। योगी-2 में भी यह सिलसिला जारी रहे इसीलिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

उत्तर प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने का सबसे प्रभावी जरिया फलों, सब्जियों और मसालों की ही खेती है। 9 तरह का कृषि जलवायु क्षेत्र होने के नाते अलग-अलग क्षेत्रों में हर तरह के फल, सब्जियां और फूलों की खेती संभव है। इसमें लघु-सीमांत किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इनकी संख्या कुल किसानों की संख्या में करीब 90 फीसद है। अमूमन ये धान, गेंहू या गन्ने आदि की परंपरागत खेती ही करते हैं। अगर सरकार की मंशा के अनुसार इनकी आय बढ़ानी है तो इनको फलों,सब्ज़ियों एवं फूलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना होगा।