नई दिल्ली। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए उनके परिजनों को मोदी सरकार ने कुछ जगह के विकल्प दिए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्मृति स्थल, राजघाट या किसान घाट के पास मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए एक से डेढ़ एकड़ जमीन दे सकती है। शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने इन स्थलों का दौरा भी किया है। सरकार की ओर से मनमोहन सिंह के परिजनों से कहा गया है कि वो पहले एक ट्रस्ट का गठन करें क्यों कि नई नीति के अनुसार अब जमीन सिर्फ ट्रस्ट के नाम पर ही आवंटित की जा सकती है।
मनमोहन सिंह के स्मारक की जमीन के लिए ट्रस्ट की ओर से आवेदन किया जाएगा जिसके बाद जमीन का आवंटन होगा। जमीन आवंटन के बाद सीपीडब्ल्यूडी के साथ एमओयू पर दस्तखत होंगे तब कहीं जाकर स्मारक के निर्माण का काम शुरू हो सकेगा। संभावना जताई जा रही है कि सरकार मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और संजय गांधी की समाधि स्थल के पास भी जमीन दे सकती है। मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को दिल्ली एम्स में निधन हो गया था। 28 दिसंबर को निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया था।
केंद्र सरकार ने देश में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर कांग्रेस ने सरकार को पत्र लिखकर जगह की मांग की थी। कांग्रेस ने राष्ट्रीय महासचिव ने कहा था कि जिस जगह पर मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया जाए वहीं पर उनका स्मारक बनना चाहिए। वहीं केंद्र सरकार ने स्मारक के लिए जमीन देने की बात उसी दिन स्वीकार कर ली थी। हालांकि बीजेपी ने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह के निधन का कांग्रेस राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।