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Uttrakhand: प्रदेश के विकास के लिए तत्पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, कई कार्यक्रमों की कि समीक्षा

Uttrakhand: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने सोमवार को सचिवालय में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम स्वरोजगार योजना के तहत पशुपालन विभाग द्वारा रोजगार सृजन के लिए किये जा रहे कार्यों की प्रतिमाह स्टेट लेबल पर समीक्षा की जाय।

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम स्वरोजगार योजना के तहत पशुपालन विभाग द्वारा रोजगार सृजन के लिए किये जा रहे कार्यों की प्रतिमाह स्टेट लेबल पर समीक्षा की जाय। कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य के क्षेत्र में रोजगार की अनेक संभावनाएं हैं। इसके लिए विभाग द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों एवं सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक किया जाय।

Trivendra Singh Rawat

ऊन उत्पादन से पशुपालकों की आय में कैसे वृद्धि की जा सकती है और इसके अच्छे इस्तेमाल के लिए वैल्यू एडिशन की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाय। पोल्ट्री, दुग्ध उत्पादन, ऊन उत्पादन आदि क्षेत्रों में किन जनपदों में अच्छा कार्य किया जा रहा है और किन जनपदों को और कार्य करने की जरूरत है, इसकी नियमित निगरानी की जाय। कृषकों एवं पशुपालकों को वार्षिक आय वृद्धि के लिए विभाग द्वारा प्रयास किये जाय। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग के टोल फ्री नम्बर 1800-120-8862 का शुभारम्भ किया।

Trivendra Singh Rawat
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पशुपालकों की आय में वृद्धि के लिए कॉपरेटिव बनाये जाय। जिससे पशुपालक दुग्ध उत्पादन और उसकी मार्केटिंग का कार्य करेंगे तो उनके शुद्ध लाभ में वृद्धि होगी। दुग्ध और उससे बनने वाले उत्पादों के लिए ग्रोथ सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, इसके लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि महिलाओं के सिर से घास का बोझ हटे, इस दिशा में पशुपालन विभाग को ध्यान देने की जरूरत है। सालभर में कई दुर्घटनाएं घास लाते समय गिरने एवं जंगली जानवरों की वजह से हो जाती हैं। दुधारू पशुओं के लिए पर्याप्त आहार की व्यवस्था घरों तक कैसे हो सकती है, इसकी व्यवस्था की जाय। उत्तराखण्ड में महिलाएं हर दिशा में अच्छा कार्य कर रही हैं, उनको कौशल विकास की अन्य गतिविधियों से जोड़ा जाय, तो और अच्छा परिणाम मिलेगा।

Trivendra Singh Rawat

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एमओयू किया साइन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड, उद्योग विभाग एवं सिडबी द्वारा चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र के विकास पर तैयार की गई स्टडी रिपोर्ट का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में राज्य में एमएसएमई क्षेत्र के लिए समग्र इको सिस्टम को मजबूत करने के एमओयू हस्ताक्षरित किया गया।  राज्य सरकार की ओर से महानिदेशक एस.ए. मुरूगेशन एवं सिडबी के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज मित्तल ने एमओयू हस्ताक्षरित किया। इस करार के अन्तर्गत सिडबी उत्तराखण्ड सरकार के अधीन एक परियोजना प्रबंध ईकाई स्थापित करेगा। यह ईकाई राज्य में एमएसएमई के संगठित विकास के लिए विस्तृत योजना तैयार करने, इक्विटी सहायता, ब्याज अनुदान सहायता, उभरते उद्यमी समूहों की मैपिंग करने तथा राज्य सरकार का सहयोग करेगी।


मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक विकास एवं एम.एस.एम.ई के क्षेत्र में अनेक कार्य कर रही है। यह एमओयू राज्य में एमएसएमई ईको सिस्टम को मजबूत करेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिये कि चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र के विकास के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाय।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान की अध्यक्षता की

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान रूद्रपुर की बोर्ड ऑफ गवनर्स की दसवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च की खेती को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से राय ली जाय। किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने में काली मिर्च एवं मशरूम की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। राज्य में मशरूम उत्पादन की दिशा में अनेक लोगों द्वारा कार्य किया जा रहा है। मशरूम उत्पादन के लिए लोगों को बृहद स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाय, इसका बहुआयामी उपयोग किस तरह किया जा सकता है, इसकी भी लोगों को जानकारी दी जाय।

Trivendra Singh Rawat

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने ग्रामीण विकास एवं ग्रामीण आर्थिकी की मजबूती के लिये सभी सम्बन्धित विभागों से आपसी समन्वय से कार्य करने को कहा। योजनाओं व बेहतर क्रियान्वयन के लिये दिये जाने वाले प्रशिक्षण को आधुनिक तकनिकी से जोड़े जाने पर भी उन्होंने बल दिया है। हमारे संस्थान प्रशिक्षण देने के साथ ही आय सृजन के भी माध्यम बने इस दिशा में भी प्रयास किये जायें। उन्होंने संस्थान से नवाचार की पहल के साथ ही किसानों को लाभ देने वाली योजनाओं के प्रति जागरूक करने को कहा। बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान की रूद्रपुर द्वारा प्रशिक्षण के अभी तक 61 कार्यक्रम आयोजित किये गये है। जिसमें 3395 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया।