नई दिल्ली। देश के कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और शिक्षाविदों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। एक खुला पत्र लिखकर इन शिक्षाविदों ने कुलपतियों की चयन प्रक्रिया पर राहुल गांधी के बयान का जोरदार विरोध किया है।
Several Vice Chancellors and academicians write an open letter opposing Congress leader Rahul Gandhi’s comments on the selection process of university heads. (n/1) pic.twitter.com/nrSIKdAkVj
— Press Trust of India (@PTI_News) May 6, 2024
अपने खुले पत्र में कुलपतियों और शिक्षाविदों ने कहा है कि जिस प्रक्रिया से चयन किया जाता है, वो योग्यता, विद्वतापूर्ण विशिष्टता और अखंडता के मूल्यों पर आधारित है। इस चयन प्रक्रिया को कठोर, पारदर्शी विशेषता बताया गया है। कुलपतियों ने पत्र में लिखा है कि चयन पूरी तरह शैक्षणिक और प्रशासनिक कौशल पर आधारित है और विश्वविद्यालयों को आगे ले जाने के लिए किया गया है। पत्र में कहा गया है कि हमारे बीच प्रस्तुत शैक्षणिक विषयों और पेशेवर अनुभवों की शृंखला चयन प्रक्रिया की निष्पक्ष और समावेशी प्रकृति के सबूत के तौर पर है। ये प्रक्रिया विविधता और आजाद सोच को प्रोत्साहित करता है।
कुलपतियों और शिक्षाविदों ने पत्र में कहा है कि शिक्षा जगत के प्रशासकों के तौर पर हम शासन की अखंडता, नैतिक व्यवहार को उच्चतम स्तर पर बनाए रखने के लिए अटूट प्रतिबद्धता बनाए रखते हैं। उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया कि वे तथ्यों को कल्पना से अलग करने में विवेक का इस्तेमाल करें और निराधार अफवाहें फैलाने से बचें। शिक्षाविदों ने ये भी लिखा है कि राहुल गांधी के आरोपों का वो खंडन करते हैं। उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी ने झूठ बोलकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की और कुलपतियों के कार्यालय को बदनाम किया। इसलिए उन पर कानूनी कार्रवाई हो। राहुल गांधी लगातार ये आरोप लगाते रहे हैं कि कुलपतियों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर नहीं, बल्कि आरएसएस से जुड़े होने के कारण की जाती है। कुलपतियों की इस चिट्ठी के कारण बीजेपी को एक बार फिर राहुल गांधी पर निशाना साधने का मौका मिल सकता है। बीजेपी लगातार आरोप लगाती है कि राहुल गांधी की पूरी सियासत झूठ के आधार पर टिकी है।