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सीमा पर तनाव के बीच 3 चीनी कंपनियों ने भारत में 5000 करोड़ के निवेश का किया ऐलान

बयान में कहा गया है कि तीनों चीनी कंपनियां- हेंगली इंजीनियरिंग, पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस जेवी विद फोटॉन और ग्रेट वॉल मोटर्स (Great Wall Motors) पुणे जिले के तालेगांव में निवेश करेंगी।

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद जारी है। दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है। इन सबके बीच महाराष्ट्र में तीन चीनी कंपनियों समेत विभिन्न देशों की 12 कंपनियों के साथ 16,000 करोड़ रुपये के मोमेरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। ये हस्ताक्षर ऐसे समय पर हुए हैं जब चीन और भारत की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई है।

India china

आपको बता दें कि एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि तीन चीनी कंपनियों का सामूहिक रूप से निवेश 5,000 करोड़ रुपये से अधिक है। लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प से पहले ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0’  (Magnetic Maharashtra 2.0) के तहत एमओयू पर सोमवार को हस्ताक्षर किए गए थे।

ये कंपनियां कर रही हैं निवेश

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बयान में कहा गया है कि तीनों चीनी कंपनियां- हेंगली इंजीनियरिंग, पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस जेवी विद फोटॉन और ग्रेट वॉल मोटर्स (Great Wall Motors) पुणे जिले के तालेगांव में निवेश करेंगी। बयान में कहा गया है कि हेंगली इंजीनियरिंग 250 करोड़ रुपये और ऑटो सेक्टर में PMI 1,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा। वहीं ग्रेट वॉल मोटर्स 3,770 करोड़ रुपये के निवेश से एक ऑटोमोबाइल कंपनी स्थापित करेगी।