
जयपुर। क्या राजस्थान कांग्रेस के लिए आज का दिन भारी पड़ने वाला है? क्या सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच रार खत्म होने का कांग्रेस आलाकमान का दावा पानी में बह जाएगा? ये दो अहम सवाल उठ रहे हैं। इसकी वजह ये है कि सचिन पायलट ने साफ कर दिया है कि वो अपनी मांगों से पीछे हटने वाले नहीं हैं। साथ ही सचिन ने ये भी कहा है कि युवाओं को मौका दिया जाना जरूरी है। इससे पहले दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गहलोत और पायलट को साथ लेकर मीडिया के सामने दावा किया था कि दोनों मिलकर राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की जीत के लिए काम करेंगे।

केसी वेणुगोपाल जब गहलोत और पायलट के बीच रिश्ते सामान्य होने का संकेतों भरा दावा कर रहे थे, उस वक्त सचिन पायलट चुप थे, लेकिन बुधवार को उन्होंने साफ कर दिया कि अपनी मांगों से वो पीछे हटने वाले नहीं हैं। सचिन पायलट की तीन मांगें हैं। पहली मांग कि वसुंधरा राजे की बीजेपी सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच गहलोत सरकार कराए। सचिन पायलट की दूसरी मांग है कि पेपर लीक मामले में कार्रवाई हो। उनकी तीसरी मांग है कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं की गहलोत सरकार आर्थिक मदद करे।

सचिन पायलट ने अपनी मांगों के लिए बीते दिनों अजमेर से जयपुर तक 5 दिन की पदयात्रा की थी। इससे पहले पायलट ने भ्रष्टाचार की जांच की मांग के समर्थन में जयपुर में अपनी ही सरकार के खिलाफ एक दिन का धरना दिया था। अपनी तीन मांगों के बारे में उन्होंने गहलोत सरकार को 31 मई तक का वक्त कार्रवाई के लिए दिया था। सचिन पायलट ने कहा था कि अगर इस तारीख तक कदम नहीं उठाया गया तो वो पूरे राजस्थान में आंदोलन करेंगे। अब सबकी नजर सचिन के इसी एलान पर टिकी है। ऐसे में कयास लग रहे हैं कि आज शाम तक सचिन पायलट कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।