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PM Modi की सुरक्षा में चूक के मामले पर CM चन्नी की सफाई, जानिए क्या कुछ कहा..

Security breach of PM Modi : इसके अलावा जिस तरह से चन्नी के ऊपर सवाल उठाए जा रहे हैं कि वे पीएम मोदी की आगवानी करने के लिए नहीं पहुंचे थे, उस पर उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, मैं प्रधानमंत्री की आगवानी करने के लिए जाना वाला था , लेकिन मैं जिन लोगों के साथ था।

नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनाव से पूर्व अपनी चुनावी रैली का आगाज करने फिरोजपुर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में लगी सेंध के परिणामस्वरूप उन्हें वापस दिल्ली लौटना पड़ गया। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगी सेंध गंभीर विषय है। गृह मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए पंजाब सरकार से रिपोर्ट तलब की है। वहीं, पीएम मोदी की सुरक्षा में लगे सेंध के बाद पंजाब के एसपी हरमन हंस को निलंबित कर दिया गया है। उधर, मंत्रालय की तरफ से पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। संभव है कि जांच प्रक्रिया के दौरान उन सभी लोगों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई करने की रूपरेखा तैयार कर उसे सक्रिय करने का प्रयास किया जाएगा। अब सवाल यह है कि प्रदर्शनकारियों को पीएम मोदी के निर्धारित किए गए मार्गों के बारे में जानकारी कैसी लगी। आखिर किसने लगाई सूचना में सेंध। यह एक अहम सवाल है। जिस पर विवेचना का सिलसिला शुरू हो चुका है। लेकिन उससे पहले सियासी गलियारों समेत अन्य मंचों पर पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो चुका है।

इसी बीच पंजाब के सीएम व कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि, पंजाब सरकार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि खराब मौसम की वजह से पीएम मोदी का मार्ग बदल दिया गया है। बता दें कि पीएम मोदी की फिरोजपुर जाने की योजना हवाई मार्ग से थी, लेकिन बाद में खराब मौसम के बाद सड़क मार्ग का विकल्प चुना गया, जिसे लेकर सीएम चन्नी ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि पीएम मोदी द्वारा फिरोजपुर पहुंचने के लिए सड़क मार्ग का चयन किया गया है। वहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था में लगे सेंध पर कहा कि उनकी सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार का कोई सेंध नहीं किया गया है।

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इसके अलावा जिस तरह से चन्नी के ऊपर सवाल उठाए जा रहे हैं कि वे पीएम मोदी की आगवानी करने के लिए नहीं पहुंचे थे, उस पर उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, मैं प्रधानमंत्री की आगवानी करने के लिए जाने वाला था , लेकिन मैं जिन लोगों के साथ था, वे सभी लोग कोरोना की चपेट में आ गए थे, जिसकी वजह से मैं पीएम मोदी को रिसीव करने नहीं पहुंच पाया। बता दें कि सरकारी दिशानिर्देश के मुताबिक जब प्रधानमंत्री या किसी राज्य के मुख्यमंत्री किसी दूसरे राज्य में जाते हैं, तो संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री उन्हें रिसीव करने के लिए बाध्य रहते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्थिति में चरणजीत की गौर मौजूदगी ने उन्हें सवालिया कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया था जिस पर अब उन्होंने अपनी सफाई पेश किया।

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इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम पीएम मोदी का तहे दिल से सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से किसान आंदोलन चल रहा है। यह आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहा है। लिहाजा इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था से जोड़कर राजनीति करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कोई हमला नहीं हुआ है। बता दे कि इस पूरे मसले को लेकर सीएम चन्नी को निशाने पर लेने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि मैंने इस मसले को लेकर सीएम चन्नी से फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझसे बात करना जरूरी नहीं समझा। अब ऐसे में पीएम मोदी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध आने की वजह से गरमाई सियासत कहां जाकर विराम लेती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन फिलहाल तो बीजेपी कांग्रेस पर इस पूरे मसले को लेकर हमलावर हो गई है।