नई दिल्ली। दिल्ली का बॉस कौन है? के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के हक में फैसला सुनाया है, जिसके बाद दिल्ली सरकार की ताकत में इजाफा हुआ है। दरअसल, साल 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरेटरी एक्ट (GNCTD) 1991 में संशोधन किया था। इस संशोधन के बाद उपराज्यपाल की शक्तियों मे इजाफा हो गया था। केजरीवाल सरकार ने इसी संशोधन के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें आज सुनवाई हुई और दिल्ली सरकार के हक में फैसला सुनाया है। वहीं, अपने हक में फैसला आने के बाद केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया था कि अब कई
अधिकारियों पर गाज गिरेगी और अब ऐसा ही देखने को मिल रहा है। दरअसल, खबर है कि सौरभ भारद्वाज ने अपने विभाग के सचिव आशीष नारे को सचिव पद से हटा दिया है।
कोर्ट ने आज अपने फैसले में क्या कहा ?
दरअसल, आज कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया है कि जमीन, पॉब्लिक ऑर्डर और पुलिस को छोड़कर बाकी सभी विभागों की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार के कांधों पर होगी। वहीं, इन तीनों मसलों पर भी उपराज्यपाल मंत्रिमंडल के सलाह से ही फैेसला लेंगे। उधर, इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार में जश्न का माहौल है। फैसले पर सीएम केजरीवाल ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि अब हम दिल्ली की जनता के विकास के लिए दोहरी गति से काम करेंगे।
सीएम केजरीवाल ने केंद्र पर लगाया ये आरोप
इसके अलावा मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में सीएम केजरीवाल ने कहा कि पहले केंद्र सरकार द्वारा लगातार हमारे काम में अडंगा लगाया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब हम दोहरी गति से दिल्ली की जनता के विकास के लिए काम करेंगे।