मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच एक और सियासी भूचाल आ गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने पार्टी से बगावत करने पर अजित पवार समेत नौ विधायकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने इन विधायकों को पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा की और कहा कि पार्टी के प्रतीकों का दुरुपयोग करने के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि एनसीपी के जयंत पाटिल के फैसले को एनसीपी प्रमुख शरद पवार का सपोर्ट प्राप्त है। शरद पवार ने कहा कि उनके फैसले को उनका पूरा समर्थन देंगे और वे एक नया संगठन स्थापित करेंगे। उन्होंने आगे कहा, “मुझे इसकी परवाह नहीं है कि किसने छोड़ा है और किसके लिए छोड़ा है, क्योंकि ऐसा पहले भी दो या तीन बार हो चुका है। राज्य में हमारा संगठन बाद ही स्ट्रांग है। इससे हमारी साख पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है, विभिन्न गुट सत्ता के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और आंतरिक संघर्षों में उलझे हुए हैं। बागी विधायकों को निष्कासित करने का राकांपा का फैसला पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता के खिलाफ कड़े रुख को दर्शाता है। बिना अनुमति के पार्टी प्रतीकों का उपयोग एक गंभीर अपराध माना जाता है, जिसके कानूनी परिणाम हो सकते हैं। NCP के एक प्रमुख व्यक्ति और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार उन विधायकों में शामिल हैं, जिन्हें निष्कासन का सामना करना पड़ा। पार्टी के खिलाफ उनके विद्रोह ने राज्य के पहले से ही अशांत राजनीतिक परिदृश्य में तनाव को और बढ़ा दिया है।