लखनऊ। जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनाव को देखते हुए स्थानीय दलों ने गुपकार गठबंधन बनाया गया है। इस गठबंधन को कांग्रेस की तरफ से भी समर्थन दिए जाने की खबरें सामने आई। अब हालत ये है कि गुपकार समझौते की वजह से कांग्रेस की करनी और कथनी उजागर हो गई है। इसकी वजह से लोगों में गहरा आक्रोश है। लोगों का आरोप है कि कांग्रेस देश विरोधी बयान देने वाले दलों का साथ देकर राष्ट्रीय अखंडता को तोड़ने वाले देश विरोधी ताकतों का मनोबल बढ़ा रही है। इस गुट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी हमलावर है। गुरुवार को गुपकार समझौते को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी का जो दोहरा रवैया है, वो राष्ट्रीय एकता के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, अलगाव को बढ़ावा देने वाले लोगों का कांग्रेस ने साथ दिया है। जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर ये चेहरा सामने आया है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 छल से लागू करके कांग्रेस मे ना सिर्फ अलगाववाद को बल दिया बल्कि आतंक को भी बढ़ावा दिया। इसी का नतीजा है कश्मीर में अशांति रहती देखने को मिलती रही।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मोदी जी ने धारा 370 और 35A हटाकर, एक भारत श्रेष्ठ भारत को बताना दिया है। धारा 370 को हटाने के बाद वहां की कोई पार्टियों ने मिलकर गुपकार समझौता किया है, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है। पी चिदम्बरम, गुलाम नबी इसका सपोर्ट करते हैं।
कांग्रेस अपनी स्थिति साफ करे
इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी ने कांग्रेस नेतृत्व से अनुच्छेद 370 के मसले पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। बता दें कि सीएम योगी, गुरुवार को लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से मुख़ातिब थे। योगी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को खंडित करने का प्रयास किया है। अब जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दृढ़संकल्पों से यह सपना साकार हो रहा है, तो कांग्रेस के नेताओं को यह नहीं सुहा रहा। शत्रु देश से मदद लेने की बात करने वाले फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती जैसे नेताओं से जुड़ना कांग्रेस के लिए शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि संविधान की शपथ लेकर केंद्रीय मंत्री रहे पी.चिदम्बरम और गुलाम नबी आजाद जैसे कांग्रेसी नेता अनुच्छेद 370 की बहाली की बात करते रहे हैं। यह लोग हमेशा से ही अलगववादी और आतंकवादी विचारों को प्रेरित और प्रोत्साहित करते रहे हैं। पर अब ऐसा नहीं चलेगा। सीएम योगी ने कहा कि गुपकार समझौता दरअसल, देश की अखंडता को समाप्त करने की शरारतपूर्ण साजिश है। समझौते में शामिल लोग नहीं चाहते की जम्मू कश्मीर में विकास हो, स्थानीय निकाय समृद्ध हों, वहां के लोग अपने अधिकारों के लिए जागरूक हों, उन्हें भी देश के अन्य हिस्सों की तरह बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिलें। क्योंकि अगर ऐसा हो गया तो उन अलगाववादी विचारों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा जिनको अपने हित में ये लोग लगातार खाद-पानी देते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में इन कुत्सित प्रयासों को कतई सफल नहीं होने दिया जाएगा।
दरअसल गुपकार गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं ने बीते दिनों देश विरोधी बयान दिया है जिससे इस गुट को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। पीडीपी की मुखिया और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में बयान दिया था कि ‘उनका झंडा जम्मू-कश्मीर का झंडा है और वो तिरंगा तभी उठाएंगी, जब उनको ये झंडा वापस मिलेगा।’ महबूबा मुफ्ती के इस बयान पर सियासी बवंडर खड़ा हो गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।
बता दें कि जम्मू कश्मीर में जल्द पंचायत चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर विरोधी दलों ने पीपुल्स अलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) का गठन किया है। इसमें कांग्रेस भी शामिल है। इसका मतलब कांग्रेस का इन दलों को समर्थन है, जो देश के झंडे को उठाने में अपमान समझते हैं और जो चीन से सहयोग लेने की बात कर रहे हैं। इसे लेकर ही लोग कांग्रेस पर हमलावर हैं।