लखनऊ। रामचरितमानस की चौपाइयों के विरोध और उससे उपजे विवाद पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का रिएक्शन पहली बार आया है। अब तक इस मसले पर चुप रहे योगी ने बुधवार को अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से खास बातचीत में रामचरितमानस के मुद्दे पर अपनी राय रखी। योगी ने कहा कि समाज में विभाजन करने की कोशिश के तहत रामचरितमानस की चौपाइयों के विरोध का मुद्दा उछाला गया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को उठाकर यूपी में विकास के हमारे एजेंडा को भटकाने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि बीजेपी से सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की चौपाइयों को हटाने की मांग उठाई थी। सबसे पहले ये मुद्दा बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने उठाया था।
योगी आदित्यनाथ ने रामचरितमानस का विरोध कर रहे लोगों के बारे में कहा कि यूपी के विकास में ऐसे लोगों ने कोई योगदान नहीं दिया है। योगी ने कहा कि जिन्होंने यूपी की छवि को पहले नुकसान पहुंचाया, यहां के युवाओं के लिए पहचान का संकट पैदा किया और लोगों को परेशान होने दिया, वे ही अब खुद परेशान होकर रामचरितमानस के मुद्दे को उछाल रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट करने वाले हैं। इसके जरिए यूपी में निवेश होगा। इसी को अटकाने और भटकाने की कोशिश रामचरितमानस के मुद्दे को उठाकर की जा रही है।
अखबार की तरफ से ये पूछे जाने पर कि विवाद खड़ा करने वालों को आप चौपाइयों का अर्थ क्यों नहीं बताते, योगी ने कहा कि जिनको अवधी भाषा का पता नहीं है, उनको समझाने की कोशिश करना वक्त की बरबादी ही है। बीते दिनों सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि वो विधानसभा में योगी से शूद्र के बारे में पूछेंगे। इस बारे में सवाल पर योगी ने कहा कि मुझे जब उचित लगेगा, तब अखिलेश को जवाब दूंगा। बुलडोजर एक्शन के बारे में योगी का कहना था कि उनकी सरकार ने कानून के हिसाब से काम किया है और जनता की सुरक्षा को चुनौती देने वाले माफिया और बदमाश ही निशाना बने हैं।