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ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र में UP अग्रणी, योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए हो रहा तकनीक का भरपूर उपयोग : CM योगी

CSI-SIG E-Governance Awards: मुख्यमंत्री योगी(CM Yogi) ने कहा कि उत्तर प्रदेश ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र में अग्रणी है। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए तकनीक का भरपूर उपयोग किया जा रहा है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तकनीक आम जनमानस के जीवन में समृद्धि और खुशहाली का माध्यम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेे सदैव तकनीक के महत्व पर बल दिया है। वर्ष 2014 से ही उनके नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई योजनाओं में तकनीक का व्यापक प्रयोग किया गया। इससे वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान अंतिम पायदान के व्यक्ति तक आवश्यक मदद पहुंचाने में काफी सुविधा हुई। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली को पुष्ट करने में तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। मुख्यमंत्री योगी आज यहां ‘18वें सीएसआई-एसआईजी ई-गवर्नेन्स अवॉर्ड्स-2020’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा अवॉर्ड विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने संस्था की स्मारिका ‘एट्टीन्थ एनीवर्सरी ऑफ द अवॉर्ड्स’ एवं पुस्तक ‘न्यू एरा इन डिजिटल गवर्नेन्स’ का विमोचन भी किया।

CM Yogi CSI

‘18वें सीएसआई-एसआईजी ई-गवर्नेन्स अवॉर्ड्स-2020’ के अन्तर्गत राज्य वर्ग में उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत किया गया। इसके अतिरिक्त राज्य को 7 अन्य पुरस्कार प्राप्त हुए। ‘अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेन्स’ वर्ग में प्रदेश के ‘जनसुनवाई समाधान’ तथा ‘निवेश मित्र’, ‘अवॉर्ड ऑफ एप्रीसिएशन’ वर्ग में ‘सीएम हेल्पलाइन-1076’, ‘रोजगार संगम’, ‘सीएमआईएस (प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग सिस्टम)’ व ‘यूपी स्किल डेवलपमेण्ट मिशन’ तथा ‘अवॉर्ड ऑफ रिकग्निशन’ वर्ग में ‘प्रेरणा (प्रॉपर्टी इवैल्यूएशन एण्ड रजिस्ट्रेशन एप्लीकेशन)’ को पुरस्कृत किया गया।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र में अग्रणी है। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए तकनीक का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश की जनता को इसका लाभ मिल रहा है। साथ ही, प्रदेश की छवि में सकारात्मक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर सोसाइटी ऑफ इण्डिया द्वारा राज्य वर्ग में उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत किए जाने के साथ ही, राज्य की 07 परियोजनाओं को भी पुरस्कृत किया जाना, इसका प्रमाण है।

CM Yogi Book

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश मंत्रिमण्डल की आगामी बैठक ई-कैबिनेट के माध्यम से सम्पन्न होगी। 18 फरवरी, 2021 से विधान मण्डल का सत्र आहूत किया गया है। सत्र के दौरान तकनीक के व्यापक प्रयोग के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विधायकगण का प्रशिक्षण भी कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक का प्रयोग करते हुए पेपरलेस बजट प्रस्तुत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिस भी क्षेत्र में तकनीक का प्रयोग हुआ, उसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए। प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2014 में आमजन को बैंकिंग सुविधाएं सुलभ कराने के लिए जनधन खाते खुलवाए गए। अभियान चलाकर लगभग 35 करोड़ लोगों के जनधन खाते खुलवाए गए। इससे कोरोना काल में डीबीटी के माध्यम से गरीब, निराश्रित व जरूरतमंद लोगों की आर्थिक सहायता किया जाना सम्भव हो सका। कोरोना की जांच, सम्बन्धित लोगों को रिपोर्ट पहुंचाने, सर्विलांस आदि में तकनीक के प्रयोग से सहूलियत हुई।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा ई-पॉस मशीनों के माध्यम से राशन की दुकानों से जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश की शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की सभी 80 हजार उचित दर की राशन की दुकानों से खाद्यान्न वितरण ई-पॉस मशीनों के माध्यम से होने से पारदर्शिता आयी है। प्रदेश में राशन वितरण में लाभार्थियों की संतुष्टि का स्तर 96 प्रतिशत से अधिक है। इसके साथ ही, तकनीक के प्रयोग से पिछले 02 वर्ष में खाद्यान्न वितरण में राज्य को 2500 करोड़ रुपए की बचत भी हुई है।

CM Yogi Awards

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ई-ऑफिस परियोजना संचालित की जा रही है। इससे शासकीय कार्यों में शीघ्रता, सुगमता व पारदर्शिता आयी है। विभिन्न विभागों में तकनीक के माध्यम से कार्यों का सम्पादन किया जा रहा है। गन्ना किसानों को गन्ने की पर्ची प्राप्त करने में परेशानी होती थी। तकनीक की मदद से अब किसान को गन्ने की पर्ची उसके मोबाइल पर प्राप्त हो जाती है।

 

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपै्रल, 2020 में ‘स्वामित्व योजना’ प्रारम्भ की गई। इस योजना के अन्तर्गत ड्रोन के माध्यम से एक-एक घर की मैपिंग कर लोगों को उनके घर के स्वामित्व के अभिलेख प्रदान किए जा रहे हैं। इससे गांव में होने वाले भूमि के विवाद समाप्त होंगे। उन्होंने कहा कि आज ही 11 जनपदों के 01 हजार गांवों के 01 लाख 57 हजार परिवारों को उनके घर के मालिकाना हक के अभिलेख उपलब्ध कराए गए हैं।