लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर भले ही बुधवार को आई हो, लेकिन मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ही अपने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट कर खुद को आइसोलेट करने की सूचना दे दी थी, लेकिन इन सबके बीच मुख्यमंत्री योगी ने अपने किसी भी कार्यक्रम और मीटिंग को निरस्त नहीं किया, बल्कि अपनी हमेशा की तरह सुबह सात बजे से ही अधिकारियों और मंत्रियों के साथ कोरोना के रोकथाम को लेकर वर्चुअली और टेलीफोनिक संवाद करते रहे। गले में हल्की खराश, हल्का बुखार और बोलने में तकलीफ होने के बाद भी मुख्यमंत्री ने किसी भी बैठक को निरस्त नहीं किया। उन्होंने राजधर्म का पालन करते हुए टीम 11 के अधिकारियों के साथ वर्चुअली समीक्षा बैठक की। उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी अहसास था कि इस वक्त उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ की आबादी आशा और उम्मीदों के साथ उनकी ओर देख रही है, तभी तो मुख्यमंत्री की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से ही लोगों ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना शुरु कर दी।
मुख्यमंत्री योगी कोविड पॉजिटिव होने के बाद भी पिछले दो दिनों से वैसे ही सक्रिय हैं, जैसे आम दिनों में होते हैं। सुबह सात बजे से ही अधिकारियों और मंत्रियों के साथ कोविड को लेकर वर्चुअली और टेलीफोनिक संवाद स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने फोन के माध्यम से सभी मंत्रियों को निर्देशित किया है कि वह सभी जिलों में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद स्थापित करें, ताकि तेजी के साथ जनता को व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
बढ़ते कोरोना के संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री लगातार होम आइसोलेशन में होने के बाद भी कड़ी नजर बनाए हुए हैं। उप मुख्यमंत्रियों, अधिकारियों के साथ लगातार संवाद बनाए हुए हैं, ताकि प्रदेश में दवा, बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या का सामना आम जनता को न करना पड़े।
सीएम ने निभाया फर्ज, 24 करोड़ जनता पहले
एक तरफ जहां सीएम योगी की पॉजिटिव कोरोना रिपोर्ट थी, तो दूसरी तरफ 24 करोड़ जनता के जीवन की चिंता का फर्ज। अपने स्वास्थ्य से ज्यादा उन्होंने राजधर्म को प्राथमिकता दी। यह कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ राजधर्म और यूपी की 24 करोड़ जनता का हित देखने को सर्वोपरि मानते रहे हैं। पिछले साल कोरोना काल में अपने पिता के निधन हो जाने के बाद भी उन्होंने इस राजधर्म को ही चुना था।