नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार की तरफ देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावना जताई है। बीते दिन शनिवार को बकायता इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया। केंद्र सरकार द्वारा गठित इस कमेटी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह जैसे कई दिग्गज शामिल हैं। कमेटी का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को बनाया गया है। कमेटी में राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद को भी जगह दी गई है। अब कांग्रेस इस समिति में गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी को पचा नहीं पा रही है। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की तरफ से समीति में आजाद की मौजूदगी पर सवाल उठाए गए हैं…
गुलाम नबी आजाद की कमेटी में मौजूदगी से कांग्रेस नाराज
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (Democratic Progressive Azad Party) के चेयरमैन और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) कांग्रेस पार्टी में रह चुके हैं। कांग्रेस पार्टी में अहम स्थान रखने वाले गुलाम नबी आजाद ने जब कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था तो उन्होंने पांच पन्नों को चिट्ठी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने पार्टी से उनके इस्तीफे और कारणों का जिक्र किया था। चिट्ठी में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी की बर्बादी के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार भी बताया था। अब जब केंद्र सरकार द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए गठित कमेटी में गुलाम नबी आजाद को जगह दी गई है तो कांग्रेस इसका विरोध कर रही है।
सरकार से पूछे सवाल
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि क्यों इस आठ सदस्यीय पैनल में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जगह नहीं दी गई। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष को कमेटी से बाहर करके सरकार ने संसद का अपमान किया है। आगे कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्र भारत के संसदीय लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए षड़यंत्र कर रही है। इस समिति को बनाकर और ‘एक देश, एक चुनाव’ का मुद्दा उठाकर बस बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि, अडानी मेगा घोटाले जैसे जरूरी मुद्दों से ध्यान भटका रही है।
इधर केंद्र सरकार द्वारा गठित कमेटी में शामिल कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसमें सम्मिलित होने से इंकार कर दिया है। अब देखना होगा कि इस मामले में क्या कुछ देखने को मिलता है।