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Khatima: ‘5-7 से मिनिस्टर जेब हैं मेरे, आप जो कहोगे वो होगा, बस 25 से 50 लाख हो जाए’, कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी की खनन को लेकर डील (Video)

Congress : अब आप पूछेंगे कि वो कैसे…तो वो ऐसे कि साहबजादे (भुवन कापड़ी)  अभी चुनाव जीते भी नहीं हैं। जीतेंगे भी की नहीं। इसकी उम्मीद भी नहीं है। अभी तो साहब के हत्थे महज टिकट ही लगा है, लेकिन सत्ता का खुमार अभी से ही इस कदर अपने शबाब पर है कि नेतागिरी के दम पर साहेब रिश्वत लेने पर आमादा हो रहे हैं।

नई दिल्ली। अरे कहां जा रहे हैं आप…ज़रा ठहरिए….रूकिए….अब जब आप इस लिंक पर क्लिक कर ही चुके हैं, तो क्यों पेज से बाहर जाने के लिए बेताब हो रहे हैं…अब आ ही गए हैं, तो उस सनसनीखेज खबर से रूबरू होते ही जाइए, जिसके बारे में हम आपको पूरे सुबूतों के साथ बताने जा रहे हैं…जी हां…बिल्कुल सही पढ़ा आपने…पूरे सुबूतों के साथ….चलिए अब छोड़िए बेकारी मसलों को… हम आपको इस रिपोर्ट में मिलवाने जा रहे हैं कांग्रेस के उस नेता से जिसने देश की सबसे पुरानी पार्टी का बेड़ा गर्क करने का दृढ़ निश्चिय कर लिया है…अब आप सोच रहे होंगे कि कांग्रेस तो वैसे ही बदहाली के सारे पैमानों को ध्वस्त कर चुकी है, तो फिर अब क्या हो गया है…. खैर…अब कांग्रेस तो बदहाल है ही। इस बात में तो फिलहाल कोई दोमत नहीं है, लेकिन जो रही सही कसर बच गई है, उसे पूरा करने का जिम्मेदारी अब खटीमा से कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी अपने कांधों पर ले चुके हैं। लगता है कि उन्होंने दृढ़संकल्प ले लिया है कि इस चुनाव में पार्टी का पलीता लगवा कर ही दम लेंगे। अब आप सोच रहे होंगे कि आप उन पर ऐसी तोहमतें क्यों लगा रहे हैं। बिल्कुल आपका सोचना वाजिब है, लेकिन हकीकत यह है कि हम उन पर तोहमत नहीं लगा रहे हैं, बल्कि अपने पाठकों को मतलब कि आपको उनकी उस हकीकत से रूबरू करा रहे हैं जो कि आगामी चुनाव में कांग्रेस की खटिया खड़ी करने के लिए काफी है।

 

अब आप पूछेंगे कि वो कैसे…तो वो ऐसे कि साहबजादे (भुवन कापड़ी)  अभी चुनाव जीते भी नहीं हैं। जीतेंगे भी की नहीं। इसकी उम्मीद भी नहीं है। अभी तो साहब के हत्थे महज टिकट ही लगा है, लेकिन सत्ता का खुमार अभी से ही इस कदर अपने शबाब पर है कि नेतागिरी के दम पर साहेब रिश्वत लेने पर आमादा हो रहे हैं। वो भी कोई एक- दो लाख नहीं, बल्कि पूरे के पूरे 50 लाख का। बाप रे बाप। अभी साहेब विधायकी का चुनाव भी नहीं जीते हैं तो 50 लाख मांग रहे हैं। जरा सोचिए। अगर गलती से भी विधायकी का ताज अपने माथे पर पहन लिए तब तो बवाल ही काट देंगे। खैर, चलिए अब आपको ज्यादा भूमिकाओं में न उलझाते हुए सबकुछ तफसील से बताते हैं।

दरअसल, खटीमा से कांग्रेस प्रत्याशी भवन कापड़ी के पास कोई अज्ञात शख्स आया। अज्ञात इसलिए कि अभी तक उस शख्स के बारे में हमारे पास कोई समुचित जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है। जैसे ही होगी हम आपको उसका अपडेट दे देंगे। बहरहाल, वो शख्स…कांग्रेस प्रत्याशी भुवन कापड़ी के पास आकर उनसे नदी सफाई और खनन का काम करने की गुजारिश करता है और इसके एवज में उन्हें 25 से 50 लाख रूपए बतौर रिश्तवत देने की पेशकश करता है। जिसे लेकर दोनों के बीच तकरीबन 10 मिनट तक तफसील से चर्चा होती है। जहां वो अज्ञात शख्स भवन कापड़ी से काम करने की गुजारिश करता है, तो वहीं भुवन कापड़ी साहब अपनी शेखी बघारते हुए अपनी गाथा सुनाने में मशगूल हो जाते हैं कि आप बेफ्रिक रहिए…सब काम हो जाएगा। आप कतई टेंशन न ले। भरोसा रखिए। तो इस तरह की लंबी- चौड़ी गुफ्तगू दोनों ही पक्षों के बीच हुई। जिसका स्टिंग ऑपरेशन भी सामने आया है, जो कि हम आपको आगे दिखाएंगे। बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी इस बीच अपनी शेखी बघारने के लिए राहुल से लेकर प्रियंका तक के साथ अपने ताल्लुकातों का हवाला देते हैं।

 

बेशक अब भुवन कापड़ी का चेहरा बेनकाब हो चुका है। लेकिन इस पूरे मसले ने बेशुमार सवालों की बयार देवभूमि की गलियों में बहा दी है। सवाल है कि कांग्रेस को अब सूबे में अपनी सियासी सल्तनत स्थापित करने की खातिर ऐसे नेताओं पर भी एतबार जताने से गुरेज नहीं है। ज़रा सोचिए सत्ता की चाबी पाए बगैर जब ये लोग 50 लाख रूपए तक की रिश्वत लेने से गुरेज नहीं कर रहे हैं, तो अगर गलती से भी अगर सूबे की जनता इस चुनाव में अगर इन पर एतबार जताती है, तो ये लोग तो सूबे की खटिया ही खड़ी करके रख देंगे। खैर, अब आपका इस पूरे मसले पर क्या कुछ कहना है। हमें कमेंट कर बताना मत भूलिएगा।