नई दिल्ली। कांग्रेस, अशोक गहलोत और सचिन पायलट। पहली पार्टी, दूसरे राजस्थान के सीएम और तीसरे विरोध में अब तक तलवार भांजने वाले कांग्रेस के नेता। अब कांग्रेस ये दावा कर रही है कि उसने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मनमुटाव को खत्म करा दिया है। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सोमवार को 4 घंटे बैठक चली। इस बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ गहलोत और पायलट मीडिया के सामने आए। वेणुगोपाल ने कहा कि गहलोत और पायलट मिलकर राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इस दौरान न तो अशोक गहलोत कुछ बोले और न सचिन पायलट ने कुछ कहा।
अशोक गहलोत जी और सचिन पायलट जी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हम राजस्थान जीतने जा रहे हैं।
: महासचिव (संगठन), श्री @kcvenugopalmp pic.twitter.com/idRDQPEYyZ
— Congress (@INCIndia) May 29, 2023
सचिन पायलट और अशोक गहलोत अब तक चुप्पी साधे हुए हैं कि उनके बीच की रार खत्म करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने क्या फॉर्मूला निकाला है। सचिन की चुप्पी इसलिए भी अहम है, क्योंकि उन्होंने गहलोत सरकार के खिलाफ 31 मई के बाद पूरे राजस्थान में आंदोलन छेड़ने का एलान किया था। सचिन पायलट ने ये अल्टीमेटम बीते दिनों दिया था। राजस्थान में पेपर लीक से पीड़ित छात्रों समेत अपनी कुछ और मांगों के बारे में उन्होंने आंदोलन की बात कही थी। अब सवाल ये है कि क्या सचिन पायलट आंदोलन करेंगे या नहीं? ये सवाल अहम इसलिए है क्योंकि उनको छात्रों और सहयोगियों का समर्थन मिला था। अगर सचिन पायलट अब आंदोलन नहीं करते, तो उनकी छवि पर असर पड़ना स्वाभाविक है।
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक से पहले अशोक गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिए बगैर फिर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में आज तक ऐसा नहीं हुआ है कि किसी नेता की मांग के सामने आलाकमान झुक गया हो। बैठक के बाद अब गहलोत ने भी कुछ नहीं कहा है। ऐसे में आने वाले दिन बताएंगे कि राजस्थान में कांग्रेस का ऊंट किस करवट बैठता है।