
बेंगलुरु। कर्नाटक में तमाम नाटक के 5 दिन बाद कांग्रेस आलाकमान ने आखिर सिद्धारामैया को सीएम और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को उनका डिप्टी सीएम बनाकर सरकार का गठन तो करा दिया, लेकिन सिद्धारामैया और शिवकुमार के बीच सीएम पद के लिए तनातनी अभी बनी हुई लग रही है। ताजा बयानों से इसके संकेत मिल रहे हैं। पहले सिद्धारामैया के करीबी मंत्री एमबी पाटिल ने सीएम पद पर बयान दिया। जिसके बाद शिवकुमार और उनके सांसद भाई डीके सुरेश ने इस पर जो प्रतिक्रिया दी, उससे साफ हो रहा है कि कर्नाटक के सीएम पद को लेकर खींचतान जारी है। एमबी पाटिल ने मंगलवार को मैसुरु में मीडिया से कहा था कि सीएम पद पर सिद्धारामैया और शिवकुमार में कोई समझौता नहीं हुआ है और ढाई साल के सीएम की अटकलें गलत हैं।
MB Patil says there is no power sharing formula between @Siddaramaiah & @DKShivakumar
“If there was one, high command would have announced it. High command has not said anything to that effect. Siddaramaiah will be our Chief Minister for next 5 years”@MBPatil Lingayat… pic.twitter.com/FUKsNf0HpP
— Nabila Jamal (@nabilajamal_) May 23, 2023
एमबी पाटिल के इस बयान के बाद डीके शिवकुमार और उनके भाई डीके सुरेश के बयान आ गए। शिवकुमार ने कहा कि कोई कुछ भी कह सकता है और उनको कहने दीजिए। कांग्रेस के महासचिव भी हैं। मुख्यमंत्री भी हैं और पार्टी अध्यक्ष भी हैं। वे इस मामले को देखेंगे। वहीं, उनके भाई सुरेश ने कहा कि अगर आप एमबी पाटिल के बयान पर मेरी प्रतिक्रिया चाहते हैं, तो पार्टी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला से मिलिए। सुरेश ने ये भी कहा कि कहने को तो मैं भी बहुत कुछ बोल सकता हूं, लेकिन अभी मुझे कुछ नहीं कहना। सुरजेवाला ही इस बारे में बेहतर बता सकते हैं।

खास बात ये है कि दिल्ली में सीएम पद के लिए नाम तय होने के बाद सिद्धारामैया ने भी कहा था कि शिवकुमार के साथ ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद संभालने के बारे में उनको कांग्रेस आलाकमान की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद डीके सुरेश ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि अभी सरकार बनाने के लिए सब तय हो गया है, लेकिन भविष्य में सीएम पद के बारे में अगला कदम उठाया जाएगा। कुल मिलाकर आने वाले वक्त में कर्नाटक का मसला भी राजस्थान की तरह कांग्रेस आलाकमान के लिए सिरदर्द बनता दिख रहा है। इससे पार्टी कैसे निपटेगी, ये देखने वाली बात है।