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Atiq Ahmed: अतीक अहमद को ‘भारत रत्न’ दिलाने की मांग करने वाले कांग्रेस नेता पर गिरी गाज, पार्टी ने दिखाया बाहर का रास्ता

योगी सरकार ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग और दो एसआईटी टीम का भी गठन किया है। तीनों आरोपियों को आज प्रयागराज कोर्ट ने चार दिन की पुलिस रिमांड पर भी भेज दिया है। बता दें कि इससे पहले तीनों आरोपियों को कोर्ट द्वारा 14 दिनों की न्यायिका हिरासत में भेजा जा चुका है।

नई दिल्ली। अतीक अहमद को भारत रत्न और शहीद का दर्जा दिलाए जाने की मांग करने वाले कांग्रेस नेता राजकुमार को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। हालांकि, अभी तक पार्टी की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, सिर्फ राजकुमार को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। बता दें कि राजकुमार ने अतीक को भारत रत्न दिलाए जाने की मांग सरकार से की थी और यह भी सवाल किया था कि आखिर क्यों नहीं उनकी अंतिम यात्रा पर उनके शव को तिरंगे से लपेटा गया। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जब इस देश में मुलायाम सिंह यादव को भारत रत्न दिया जा सकता है, तो भला अतीक को क्यों नहीं दिया जा सकता। बता दें कि कांग्रेस नेता राजकुमार का वीडियो भी प्रकाश में आया है, जिसमें वो अतीक को शहीद का दर्जा दिलाए जाने की मांग करता हुआ नजर आ रहा है।

ध्यान रहे कि इससे पहले महाराष्ट्र के बीड इलाके में तीन लोगों ने अतीक और अशरफ को शहीद बताते हुए पोस्टर लगाए थे। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद ने उक्त मामले को संज्ञान में लेने के तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 293, 294 और 153 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। बता दें कि यह पोस्टर मोहसिन भैया मित्र मंडल ने लगाया था। बहरहाल, अब इन तीनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा चुकी है। एक वर्ग लगातार अतीक अहमद और अशऱफ का महिमामंडन कर रहा है। गौरतलब है कि बीते दिनों प्रयागराज स्थित काल्विन अस्पताल के बाहर पत्रकार के भेष में आए तीन बंदूकधारी युवकों ने 10 राउंड फायरिंग करके अतीक अशरफ को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद तीनों युवकों ने मौके पर मौजूद पुलिस को सरेंडर कर दिया था, लेकिन जिस तरह से अतीक को मौत के घाट उतारा गया, उसके बाद से लगातार पुलिस की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

वहीं, योगी सरकार ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग और दो एसआईटी टीम का भी गठन किया है। तीनों आरोपियों को आज प्रयागराज कोर्ट ने चार दिन की पुलिस रिमांड पर भी भेज दिया है। बता दें कि इससे पहले तीनों आरोपियों को कोर्ट द्वारा 14 दिनों की न्यायिका हिरासत में भेजा जा चुका है। प्रारंभिक पूछताछ में तीनों आरोपियों द्वारा दिए गए बयानों में विरोधाभाष नजर आ रहा है। इतना ही नहीं, तीनों ने एक दूसरे को पहचानने से भी इनकार कर दिया है। इसके अलावा तीनों के पास विदेश से निर्मित हथियार और जिगाना बंदूक भी बरामद हुए हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इन आरोपियों के पास ये हथियार कहां से आए, लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के रास्ते लगातार भारत में इन हथियारों की आपूर्ति की जा रही है।

उधर, मानवाधिकार आयोग ने भी पूरे मामले को संज्ञान में लेने के बाद योगी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। तमाम विपक्षी दल योगी सरकार पर हमलावर हैं, लेकिन सीएम योगी इस प्रकरण के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में स्पष्ट कर चुके हैं कि अब कोई भी माफिया किसी आम आदमी को धमकी देने की जहमत नहीं उठा पाएगा। ध्यान रहे कि अतीक के खिलाफ 100 से भी अधिक मुकदमे दर्ज थें। फिलहाल, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश पुलिस को है, लेकिन अभी तक पुलिस को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। अब ऐसे में आगामी दिनो में पुलिस इस पूरे मामले में क्या कुछ कार्रवाई करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।