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Oops! स्थापना दिवस पर सोनिया के हाथ से गिर गया कांग्रेस का झंडा, यूजर्स ने कहा- बोरिया बिस्तर बांधने का आ गया वक्त

कांग्रेस के हाल के दिनों में हालत देखें, तो उसमें खलबली मची है। ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े नेता पार्टी का साथ छोड़ गए हैं। पार्टी छोड़ने वाले ज्यादातर नेता युवा हैं। साथ ही पार्टी के तमाम सांसद कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ आए दिन बयानबाजी करते रहते हैं।

नई दिल्ली। कांग्रेस के लिए पिछले काफी समय से वक्त ठीक नहीं चल रहा है। 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस हार गई। तमाम राज्यों में उसकी सरकारें नहीं हैं। वहीं, आज कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर एक अपशगुन हो गया। हुआ ये कि कांग्रेस का आज 137वां स्थापना दिवस है। इस मौके पर दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी झंडा फहराने पहुंचीं। झंडा ऊपर था। इससे लगी रस्सी को सोनिया ने कई बार खींचा। झंडा तो नहीं फहरा, उल्टे नीचे गिर गया। इस खबर के आने के बाद यूजर मजे लेने लगे। तमाम लोगों ने कहा कि ये दिखाता है कि कांग्रेस को अपना बोरा बिस्तर बांध लेना चाहिए। वहीं, एक यूजर ने लिखा कि जिस तरह अपने हाथ से झंडा गिरा है, उसी तरह अपनी ही सरकार खुद ही गिरा लेंगे। वहीं, एक यूजर ने अमित शाह और मोदी की तस्वीर के साथ ट्वीट किया कि कांग्रेस का झंडा खुद कह रहा है कि कांग्रेस मुक्त भारत चाहिए।

बता दें कि सोनिया गांधी ने बाद में झंडे को फिर फहराया। वैसे कांग्रेस के हाल के दिनों में हालत देखें, तो उसमें खलबली मची है। ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े नेता पार्टी का साथ छोड़ गए हैं। पार्टी छोड़ने वाले ज्यादातर नेता युवा हैं। साथ ही पार्टी के तमाम सांसद कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ आए दिन बयानबाजी करते रहते हैं। पंजाब में चन्नी बनाम सिद्धू की जंग को लेकर भी आलाकमान सांसत में है। राज्य में अगले साल चुनाव होने हैं और इस मुद्दे पर भी सांसद मनीष तिवारी लगातार आलाकमान पर निशाना साधते रहते हैं।

वहीं, तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी पार्टी की राज्य इकाई का गुस्सा अपने पर ले लिया है। थरूर ने पिछले दिनों ये तक कह दिया था कि कांग्रेस में उनकी सुनवाई नहीं होती। उन्होंने एक लेख में कहा था कि कांग्रेस में उनकी हालत अल्पसंख्यक जैसी हो गई है। इसके बाद केरल कांग्रेस के अध्यक्ष ने ये चेतावनी तक दे दी कि अगर थरूर ने अपने तौर-तरीके नहीं सुधारे तो उन्हें कांग्रेस से निकाला भी जा सकता है। बता दें कि मनीष तिवारी और शशि थरूर को कांग्रेस चलाने वाली गांधी-नेहरू परिवार का खास माना जाता रहा है।