नई दिल्ली। मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से कोरोना संकट के कारण देश में बने हालात पर चर्चा की। इस महामारी से देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया है, ऐसे में अर्थव्यवस्था की रफ्तार थम गई है। इसी को लेकर राहुल गांधी ने अभिजीत बनर्जी के साथ अर्थव्यवस्था की चुनौतियां और कोरोना संकट से निकलने को लेकर मंथन किया।
इस बातचीत के दौरान अभिजीत बनर्जी ने इस दौरान सलाह दी कि लोगों के हाथ में कैश पहुंचाने की जरूरत है, ऐसे में इस वक्त कर्ज को माफ करना चाहिए और कैश की मदद देनी चाहिए। बातचीत के दौरान अभिजीत बनर्जी ने यूपीए सरकार की योजनाओं की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि, यूपीए सरकार ने काफी अच्छी नीतियां लागू की थीं, लेकिन अब वो सरकार यहां पर लागू नहीं कर रही हैं। यूपीए सरकार ने जिस आधार जैसी योजना को लागू किया था, इस सरकार ने भी उसको सही बताया और उसपर ही काम किया।
बनर्जी ने कहा कि, आज के वक्त में इस तरह की सुविधा काफी सही साबित हो सकती थीं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसका मतलब है देशव्यापी योजना लागू नहीं हो पाई है।
#LIVE: A conversation with Nobel Laureate, Prof. Abhijit Banerjee on COVID & its economic impact https://t.co/oexV7ulwgL
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) May 5, 2020
इस दौरान राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार बेशक बड़े फैसले ले लेकिन लॉकडाउन और जमारी फैसलों को राज्य सरकार को लेने देना चाहिए। मौजूदा सरकार अलग हिसाब से चल रही है और केंद्र से ही फैसले लिए जा रहे हैं। अभिजीत ने कहा कि केंद्र को गरीबों के लिए नई योजना लाने की जरूरत है। राज्यों और जिला अधिकारियों को गरीबों को सीधा लाभ पहुंचाने की जरूरत है।
अभिजीत ने कहा कि यदि किसी को पैसा पहुंचाना है तो उसके लिए एक वातावरण चाहिए। जिसके पास खाता है उसे पैसा मिल सकता है लेकिन जिसके पास खाता नहीं है उसके बारे में सोचना होगा। ऐसे में राज्य सरकारों को ज्यादा से ज्यादा मदद देनी होगी ताकि किसी तरह से आम लोगों तक पैसा पहुंच जाए।
लोगों के पास राशन कार्ड ना होने से हो रही खाने की समस्या पर राहुल ने कहा कि आज देश में राशन कार्ड कम है लोगों के पास खाना नहीं है। जिसपर नोबेल विजेता ने कहा कि हमने पहले भी इसपर सलाह दी है। सरकार को अभी राशन कार्ड जारी करने चाहिए, जो कम से कम तीन महीने काम करें और हर किसी को मुफ्त में राशन मिल सके। हर किसी को इस समय चावल, दाल, गेहूं और चीनी की जरूरत है।
राहुल ने कहा कि आज नकदी की दिक्कत होगी, बैंकों के सामने कई तरह की चुनौतियां होगी और नौकरी बचा पाना मुश्किल होगा। जिसके जवाब में बनर्जी ने कहा कि ये बिलकुल सच होने वाला है। ऐसे में देश में आर्थिक पैकेज की दरकार है। अमेरिका-जापान जैसे देशों ने ऐसा किया है। हमारे यहां नहीं हुआ। छोटे उद्योगों की मदद करनी चाहिए। तिमाही का ऋण भुगतान खत्म कर देना चाहिए।उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से कारोबार पूरी तरह से ठप है इसलिए आर्थिक मदद की ज्यादा जरूरत है।
आपको बता दें कि देश की अर्थव्यवस्था को उबारने और सरकार को सुझाव देने के लिए राहुल विभिन्न विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं। इसी कड़ी में पिछले हफ्ते उन्होंने रिजर्व बैक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बात की थी।