
नई दिल्ली। राजस्थान को लेकर कांग्रेस में खलबली जैसी हालत लग रही है। वजह बने हैं सचिन पायलट। पिछले कुछ दिन से ये अटकलें लग रही हैं कि सचिन पायलट जल्दी ही कांग्रेस को अलविदा कर प्रगतिशील कांग्रेस नाम से नई पार्टी बनाने जा रहे हैं। अटकलों का बाजार गरमाया है कि सचिन पायलट अपने स्वर्गीय पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि के मौके पर 11 जून को नई पार्टी का एलान कर सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पायलट को लेकर आ रही ऐसी खबरों को अफवाह बताया है, लेकिन कांग्रेस में सचिन के अगले कदम को लेकर किस तरह खलबली मची है, ये पार्टी के महासचिव और राहुल गांधी के करीबी नेता केसी वेणुगोपाल के बयान से साफ हो जाता है।

खबरों के मुताबिक केसी वेणुगोपाल अब तक दो-तीन बार सचिन पायलट को फोन कर चुके हैं। वेणुगोपाल ने खुद ये बात मानी है। हालांकि, वेणुगोपाल का ये दावा है कि सचिन पायलट कांग्रेस छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले। उनका ये भी कहना है कि राजस्थान का हल कांग्रेस आलाकमान निकालेगा। वेणुगोपाल ने कहा है कि सचिन पायलट से उनकी बात हुई है, लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ने जैसा कोई संकेत नहीं दिया। वेणुगोपाल ने कहा कि मुझे सचिन के कांग्रेस छोड़ने की खबरें तो मीडिया से मिली हैं। उम्मीद है, जल्दी ही सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे।

सचिन पायलट और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। साल 2020 में दोनों की अदावत खुलकर सामने आई थी। 25 सितंबर 2022 को कांग्रेस आलाकमान के दूतों के सामने गहलोत समर्थकों ने सचिन को सीएम बनाने की कोशिश के खिलाफ बागी तेवर दिखाए थे। सचिन की तीन मांगें हैं। पायलट ने गहलोत समर्थकों पर कार्रवाई, वसुंधरा राजे सरकार के दौरान कथित भ्रष्टाचार की जांच और पेपर लीक से प्रभावित युवाओं की मदद की मांग रखी है। उन्होंने 31 मई तक का वक्त दिया था। जिसके बाद पूरे राजस्थान में आंदोलन की चेतावनी दी थी। जिसके बाद गहलोत और पायलट को दिल्ली बुलाकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने सुलह कराने की कोशिश भी की।