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Uttarakhand: प्रियंका गांधी को ढाल बनाकर उत्तराखंड में कांग्रेस की हार पर बच निकले हरीश रावत, कहा- जो गलत उसे मिले सजा

मजे की बात ये है कि रावत ने प्रियंका गांधी का नाम लिया है और इन्हीं प्रियंका की अगुवाई में कांग्रेस को यूपी में महज 2 सीटें मिली हैं। यहां तक कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तक को चुनाव हारना पड़ा है। जबकि, पिछली बार यानी 2017 के चुनाव में कांग्रेस को यूपी में 7 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

नैनीताल। पूर्व सीएम हरीश रावत को उत्तराखंड का सयाना सियासतदां माना जाता है। इस बार भी उन्होंने अपना सयानापन दिखाया है। उत्तराखंड में कांग्रेस की हार के बाद रावत पर अंगुलियां उठ रही थीं, लेकिन उन्होंने कांग्रेस महासचिव और पार्टी आलाकमान का हिस्सा प्रियंका गांधी का हवाला देकर सवाल उठाने वालों को ही घेर लिया। रावत ने पहले एक ट्वीट किया। ट्वीट में हरीश रावत ने कांग्रेस की पराजय का हवाला दिया और कहा कि ये वक्त गहराई से विश्लेषण करने का है। अगर चूक इंचार्ज के स्तर पर हुई है, तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए। जिस लेवल पर हुई उनको सजा मिले, लेकिन हम सीधे कह दें कि सबको इस्तीफा देना चाहिए, तो वह ठीक नहीं रहेगा।

priyanka gandhi

इसके ठीक बाद हरीश रावत ने प्रियंका का नाम ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर लिया। उन्होंने कहा कि अब प्रियंका गांधी जी ने अभूतपूर्व मेहनत की है। पूरी दुनिया साक्षी है। इससे बेहतर तरीके से कोई चुनाव नहीं लड़ा जा सकता। मजे की बात ये है कि रावत ने प्रियंका गांधी का नाम लिया है और इन्हीं प्रियंका की अगुवाई में कांग्रेस को यूपी में महज 2 सीटें मिली हैं। यहां तक कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तक को चुनाव हारना पड़ा है। जबकि, पिछली बार यानी 2017 के चुनाव में कांग्रेस को यूपी में 7 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। यानी इस बार 5 सीटों का नुकसान हो गया है। ऐसे में ये भी माना जा सकता है कि हरीश रावत ने बात ही बात में प्रियंका गांधी पर भी तंज कस दिया है।

दरअसल, उत्तराखंड में इस बार कांग्रेस को सरकार गठन की काफी उम्मीद थी, लेकिन पार्टी जीत ही नहीं दर्ज कर सकी। यहां तक कि हरीश रावत खुद हार गए। उन्हें कांग्रेस ने मुख्य चेहरा मानते हुए चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष भी बनाया था। रावत इस बार अपनी सीट चयन को लेकर ही परेशान दिखते रहे। पहले उन्होंने खुद के लिए रामनगर सीट चुनी और बाद में लालकुआं सीट पर किस्मत आजमाई। इससे पहले 2014 में हरीश रावत धारचूला सीट पर उपचुनाव जीते थे।  फिर 2017 के चुनाव में हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा से लड़े थे। चुनाव से पहले प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से उनका छत्तीस का भी आंकड़ा बना। आखिर में आलाकमान को मध्यस्थता भी करानी पड़ी थी।

Sonia Gandhi and Harish Rawat