नई दिल्ली। पंजाब में चल रहा सियासी तूफ़ान अभी थमा नहीं है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दिल्ली के लिए रवाना हो गये हैं। बताया जा रहा है कि वे दिल्ली में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाक़ात करेंगे और पंजाब में पैदा हुए हालात पर चर्चा करेंगे। लेकिन इसी बीच पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर तीखा प्रहार किया है। हरीश रावत ने कहा कि सत्तारूढ़ दल यानी बीजेपी जिसको पंजाब के किसान, पंजाब के लोग पंजाब का विरोधी मानते हैं, वह अमरिंदर सिंह को मुखौटे के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं।’’
“किसी दबाव में हैं कैप्टन”- हरीश रावत
दरअसल पंजाब में चल रहे सियासी खींचतान पर हरीश रावत ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस की और इस दौरान हरीश रावत ने कैप्टन पर जमकर निशाना साधा। हरीश रावत ने कहा कि हाल ही में जिस तरह से कैप्टन ने बयानबाजी की है उससे ये लगता है कि वे किसी दबाव में हैं। रावत ने आगे कहा कि कैप्टन किसान विरोधी बीजेपी सरकार की मददगार ना बनें. कैप्टन का पार्टी ने कोई अपमान नहीं किया है। हरीश रावत ने कहा कि CLP बैठक से पहले मैं तीन दिनों तक अमरिंदर सिंह से मिलने की कोशिश करता रहा, लेकिन वह नहीं मिले।’ बावजूद इसके पार्टी ने उन्हें हर फैसले के बारे में जानकारी दी।
बीजेपी में शामिल नही होंगे कैप्टन!
हरीश रावत ने कहा कि कैप्टन किसान विरोधी बीजेपी के लिए मददगार ना बनें। आपको बता दें कि गुरुवार को ही कैप्टन ने साफ़ कर दिया था कि अब वे कांग्रेस का हिस्सा नहीं रहेंगे। कैप्टन ने यह बातें देश के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के अगले दिन कही थी। इसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा था कि वे जल्द ही बीजेपी में शामिल हो जायेंगे लेकिन कैप्टन ने ही खुद यह कहा कि वे अभी बीजेपी में शामिल नही होंगे। उन्होंने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाक़ात सिर्फ किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा के लिए हुई थी।
No facts in reports that state Captain Amarinder Singh was insulted by Congress. It appears from Captain’s recent statements that he is under some sort of pressure. He should rethink, and not help BJP directly or indirectly: AICC in-charge of Punjab, Harish Rawat, in Dehradun pic.twitter.com/XZ2zuKeQuh
— ANI (@ANI) October 1, 2021
आपको बता दें कि पंजाब कांग्रेस में उस वक्त बवाल मच गया, जब करीब ढ़ाई महीने पहले ही प्रदेशाध्यक्ष बनाये गये नवजोत सिंह सिंह सिद्धू ने अपना इस्तीफा कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी को सौंप दिया था। ख़बरों की मानें तो, सिद्धू ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि वे पंजाब सरकार में कुछ अधिकारीयों की मनमानी नियुक्तियां चाहते थे, जिसे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी नहीं माने और दोनों के बीच मनमुटाव बढ़ता गया। इसके बाद सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया था।