
वायनाड। राहुल गांधी ने जब वीर सावरकर के खिलाफ बयान देने शुरू किए, तो इससे महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोगी उद्धव ठाकरे बहुत नाराज हुए। उद्धव ने मालेगांव में अपनी रैली में सावरकर के अपमान पर खुलेआम विरोध जताया था। यहां तक कि इस मामले में कांग्रेस से रिश्ते तोड़ने तक की बात सामने आने लगी थी। इसके बाद कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने राहुल गांधी को समझाया था कि वे वीर सावरकर के बारे में अपमानजनक बातें न कहें। वरना महाराष्ट्र में एमवीए गठबंधन को बचाना मुश्किल हो जाएगा। इसके बाद राहुल ने सावरकर के बारे में बयानबाजी तो बंद कर दी, लेकिन उनकी पार्टी कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने राहुल गांधी के वायनाड दौरे के वक्त सावरकर विरोधी पोस्टर लगाए हैं।
अंग्रेजी चैनल टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के वायनाड दौरे से एक दिन पहले राहुल के सावरकर पर दिए बयान वाले पोस्टर लगवाए। इनमें राहुल का वो बयान है कि मैं सावरकर नहीं हूं, जिन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी। राहुल के दौरे में सावरकर विरोधी उनके बयान के पोस्टर लगने से एक बार फिर शिवसेना और एनसीपी से कांग्रेस का टकराव होने के आसार हैं। कांग्रेस के अन्य नेता काफी दिनों से सावरकर के बारे में कुछ नहीं कह रहे। जबकि, अब वायनाड में स्वतंत्रता संग्रामी के बारे में बयानबाजी का पोस्टर कांग्रेस के एक नेता ने लगा दिया। अभी ये पता नहीं चला है कि इस नेता ने जो पोस्टर लगाए, उसके लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं से मंजूरी ली या नहीं।
उद्धव ठाकरे की नाराजगी और एनसीपी चीफ शरद पवार के समझाने से पहले राहुल गांधी के साथ ही कांग्रेस के नेता सोशल मीडिया पर वीर सावरकर के बारे में आग उगल रहे थे। वीर सावरकर पर राहुल और कांग्रेस के नेता आरोप लगा रहे थे कि उन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी और पेंशन ली। करीब 1 साल से ये सिलसिला जारी था। इस मुद्दे पर बीजेपी ने राहुल पर तो निशाना साधा ही था, उद्धव ठाकरे से भी सावरकर विरोधियों से गठबंधन का आरोप लगाया था।