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Congress: टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस में मारामारी, कार्यकर्ताओं ने मंडल प्रभारी को दबोचा, जान-बचाकर भागे प्रभारी

Congress: कांग्रेस ने 289 विधानसभा भिंनगा से पार्टी ने वंदना शर्मा को टिकट दिया था। जिसके बाद पार्टी ने वंदना शर्मा का टिकट काटकर इस सीट पर वर्तमान में कांग्रेस जिला अध्यक्ष नसीम चौधरी की पत्नी गजाला चौधरी को पार्टी ने उम्मीदवार बना दिया। जिसके बाद कार्यकर्ताओं में खासा आक्रोश देखने को मिला।

नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव से पहले टिकट की दावेदारी पेश करने वाले उम्मीदवारों और कांग्रेस पार्टी के बीच इन दिनों 36 का आंकड़ा चल रहा है। दरअसल, चुनाव के लिए टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में पार्टी के खिलाफ नाराजगी साफ झलक रही है। पार्टी से नाराज चल रहे कई कार्यकर्ता दल-बदल का रास्ता अपना रहे हैं, तो कई कार्यकर्ता मारपीट तक उतर आए हैं। ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले से सामने आया है। जहां कटरा श्रावस्ती पर्यटक आवास में विधानसभा प्रत्याशियों के साथ बैठक करने पहुंचे देवीपाटन मंडल प्रभारी सत्य नारायन पटेल की नाराज कार्यकर्ताओं ने जमकर धुनाई कर दी।

बता दें कि, शुक्रवार को सत्य नारायन पटेल श्रावस्ती के पर्यटक आवास गृह में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा कर रहे थे। इसी बीच बलरामपुर जिले के कार्यकर्ता पर्यटक आवास गृह के बाहर पहुंच गए और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। टिकट वितरण को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में बहस छिड़ गई। देखते ही देखते बात इस हद तक बढ़ गई की कार्यकर्ताओं ने सत्य नारायन पटेल को आड़े हाथ ले लिया और उनकी जमकर पिटाई कर दी। जिसके बाद दूसरे कार्यकर्ताओं ने किसी तरह बीचबचाव कर मामला शांत करवाया। मारपीट के पूरे मामले को लेकर कांग्रेस कार्यवाहक जिलाध्यक्ष वसीउल्ला चौधरी का बयान भी सामने आया। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को हाईकमान का निर्णय स्वीकार करना चाहिए। अनुशासनहीनता करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई भी होनी चाहिए।

कांग्रेस ने 289 विधानसभा भिंनगा से पार्टी ने वंदना शर्मा को टिकट दिया था। जिसके बाद पार्टी ने वंदना शर्मा का टिकट काटकर इस सीट पर वर्तमान में कांग्रेस जिला अध्यक्ष नसीम चौधरी की पत्नी गजाला चौधरी को पार्टी ने उम्मीदवार बना दिया। जिसके बाद कार्यकर्ताओं में खासा आक्रोश देखने को मिला। ऐसा पहली बार नहीं है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में टिकट को लेकर मारपीट की खबरें सामने आई हों, इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी है। अब ऐसे में इसका खुलासा तो 10 मार्च को ही होगा कि क्या कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं का मतभेद दूर कर सत्ता में बैठी बीजेपी का किला भेद पाने में कामयाब होती है या नहीं।