नई दिल्ली। राजस्थान में बीजेपी जल्द ही कांग्रेस को बड़ा झटका देने की तैयारी में है। प्रमुख आदिवासी नेता और विधायक महेंद्रजीत मालवीय, जो बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, कथित तौर पर भाजपा के संपर्क में हैं और कभी भी उनके साथ जुड़ सकते हैं। अगर मालवीय पार्टी छोड़ते हैं तो लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा। वह सोनिया गांधी की नामांकन सूची से विशेष रूप से अनुपस्थित थे। बताया जाता है कि मालवीय कांग्रेस से असंतुष्ट हैं। वह दक्षिणी राजस्थान में आदिवासी नेता के रूप में अपनी अलग पहचान रखते हैं। उनका निर्वाचन क्षेत्र, बागीदौरा, मेवाड़ क्षेत्र का हिस्सा है, जिसमें भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद और उदयपुर के पूर्व जिले शामिल हैं, जिन्हें लोकसभा चुनाव से पहले 4 अगस्त को बड़े पैमाने पर पुनर्गठित किया गया था।
मालवीय ने पहली बार 2008 में जनता पार्टी के विधायक के रूप में जीत हासिल की और 2013 में कांग्रेस के खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी लहर के बावजूद भाजपा के खेमराज गरासिया को हराकर अपनी सीट बरकरार रखने में कामयाब रहे। उन्होंने 2018 में गरासिया को फिर से हराया।
2020 में टोंक से विधायक सचिन पायलट और उनके वफादार विधायकों के नेतृत्व वाले समूह द्वारा अशोक गहलोत सरकार को गिराने के प्रयासों के सिलसिले में मालवीय का नाम सामने आया। उस वर्ष राजनीतिक संकट के दौरान लीक हुए कथित ऑडियो क्लिप के माध्यम से सरकार को गिराने के प्रयासों के संबंध में प्रारंभिक जांच में उनके नाम का उल्लेख किया गया था, जहां कुछ व्यक्तियों को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया था कि मालवीय पायलट के साथ थे, लेकिन बाद में उन्होंने पाला बदल लिया।