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Amit Shah: ‘कांग्रेस के मूवमेंट का देश की आजादी में बड़ा योगदान है, लेकिन..’ गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा बयान
Amit Shah: अमित शाह ने कहा, पूरी दुनिया, देश और अच्छे-अच्छे देशभक्त सन् 1857 की क्रांति को गदर के नाम से जानते थे। पहली बार वीर सावरकर ने पहला स्वतंत्र संग्राम करार दिया। वहीं से नैरेटिव को बदलने की शुरुआत हुई।
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज एक बड़ा बयान दिया है। दरअसल बुधवार को अमित शाह ने संजीव सान्याल की लिखी पुस्तक ‘Revolutionaries: The other story of how India won its freedom’ का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि दी। अमित शाह ने कहा कि एक ही दृष्टिकोण जनमानस में शिक्षा के माध्यम से, इतिहास के लेखन के माध्यम से थोपा गया है। जो दृष्टिकोण थोपा गया है, मैं ऐसा नहीं कहता हूं कि अहिंसक आंदोलन का देश का आजादी में कोई योगदान नहीं है, या वो इतिहास का हिस्सा नहीं है। वो अहिंसक आंदोलन का बहुत मजबूत हिस्सा और योगदान है। कांग्रेस के नेतृत्व में जो मूवमेंट चली वो योगदान है देश की आजादी में, परंतु और किसी का नहीं है ये नेरेटिव ठीक नहीं है।
Speaking at the release of a book, ‘Revolutionaries: The other story of how India won its freedom’ written by Sanjeev Sanyal.
https://t.co/Gzvkjo4J80— Amit Shah (@AmitShah) January 11, 2023
अमित शाह ने कहा, पूरी दुनिया, देश और अच्छे-अच्छे देशभक्त सन् 1857 की क्रांति को गदर के नाम से जानते थे। पहली बार वीर सावरकर ने पहला स्वतंत्र संग्राम करार दिया। वहीं से नैरेटिव को बदलने की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि, इतिहास को वास्तविकता के आधार पर लिखाना चाहिए। प्रयासों और मूल्याकानों के आधार पर लिखना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि, आजादी के बाद जिनकी जिम्मेदारी थी हमारे इतिहास को हमारे दृष्टिकोण से लिखने की। आजादी के बाद जिनकी जिम्मेदारी थी। हमारे स्वतंत्रता आंदोलन को भारतीय दृष्टिकोण से मूल्याकान करके युवा बच्चों के सामने रखने की। इसमें कहीं न कहीं चूक हुई है। अंग्रेज तो चले गए थे मगर जो अंग्रेजियत छोड़कर गए थे उसी चश्में से पढ़कर इतिहास को लिखा गया और इसके कारण पूरा कन्फ्यूजन आज हमारे सामने है।
गृहमंत्री ने कहा, ”मैं स्पष्टता से मानता हूं कि देश को आजादी दिलाने में साहित्यकारों का भी बड़ा योगदान है और किसानों का भी। साथ ही हमारे जनजातीय समुदाय के लोगों ने भी देश की आजादी में बड़ी भूमिका निभाई। सबका एक ही लक्ष्य था देश को अंग्रेजों से मुक्त कराना, देश को आजादी दिलाना।”
मैं स्पष्टता से मानता हूं कि देश को आजादी दिलाने में साहित्यकारों का भी बड़ा योगदान है और किसानों का भी।
साथ ही हमारे जनजातीय समुदाय के लोगों ने भी देश की आजादी में बड़ी भूमिका निभाई।
सबका एक ही लक्ष्य था देश को अंग्रेजों से मुक्त कराना, देश को आजादी दिलाना।
– श्री @AmitShah pic.twitter.com/yShzyvi8Lt
— BJP (@BJP4India) January 11, 2023