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Udit Raj On Shubhanshu Shukla: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा में भी दिखाया जातिवाद!, राकेश शर्मा का नाम लेकर बोले किस जाति के व्यक्ति को भेजना चाहिए था

Udit Raj On Shubhanshu Shukla: दरअसल, उदित राज का ये जातिवादी बयान शायद ऐसे ही नहीं आया है। वो जिस कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, उसके सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष लगातार जाति की बात करते रहे हैं। राहुल गांधी ने मिस इंडिया की लिस्ट में भी एससी, एसटी, ओबीसी न होने की बात कही थी। केंद्र सरकार के सचिवों में आरक्षित श्रेणी के अफसरों के न होने पर भी राहुल गांधी लगातार सवाल उठाते रहे। जानिए अब उनकी पार्टी के उदित राज ने क्या कहा है?

नई दिल्ली। भारत में जातिवाद का जिन्न इस कदर लोगों में पैठ गया है कि सियासत में भी जातिवाद के बगैर काम नहीं चलता। चुनाव में जातिवाद के आधार पर तमाम जगह पार्टियां प्रत्याशी उतारती हैं। हालत अब ये है कि देश की उपलब्धि में भी अब नेता जातिवाद तलाशने लगे हैं! ये हम यूं ही नहीं कह रहे। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता उदित राज का ताजा बयान इसे साबित कर रहा है। उदित राज ने भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा को जातिवाद के चश्मे से देखा है!

इसरो की तरफ से एक्सिओम-4 मिशन पर भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष स्टेशन गए थे।

कांग्रेस के प्रवक्ता उदित राज ने कहा है कि वो चाहते हैं कि शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष यात्रा में जो ज्ञान हासिल किया, उसे वो बिखेरें। कांग्रेस प्रवक्ता ने शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा को मानवता के लिए हितकारी भी बताया, लेकिन इसके बाद ही जाति का सवाल उठा दिया। उदित राज ने कहा कि जब पहले राकेश शर्मा को अंतरिक्ष भेजा गया था, उस समय एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के लोग इतना पढ़े-लिखे नहीं थे। उदित राज ने इसके बाद बताया कि उनके मुताबिक किस जाति के व्यक्ति को अंतरिक्ष भेजा जाना चाहिए था। सुनिए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता उदित राज का बयान।

दरअसल, उदित राज का ये जातिवादी बयान शायद ऐसे ही नहीं आया है। वो जिस कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, उसके सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष लगातार जाति की बात करते रहे हैं। राहुल जातिगत जनगणना की मांग उठाते रहे हैं। राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि उन्होंने मिस इंडिया की लिस्ट देखी, लेकिन उनको उसमें कोई एससी, एसटी या ओबीसी समुदाय की प्रतिभागी का नाम नहीं मिला। राहुल गांधी ने ये बयान भी दिया था कि एससी, एसटी और ओबीसी के योग्य उम्मीदवारों को जानबूझकर अयोग्य ठहराया जा रहा है। ताकि वे शिक्षा और नेतृत्व से दूर रहें। राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार से ये सवाल भी पूछते रहे हैं कि केंद्र सरकार में कितने एससी, एसटी और ओबीसी सचिव स्तर के अफसर हैं। राहुल गांधी मेरिट को अगड़ी जातियों का नैरेटिव भी बता चुके हैं। राहुल गांधी का कहना है कि शिक्षा और नौकरशाही में आने की प्रणाली एससी, एसटी और ओबीसी के लिए सांस्कृतिक तौर पर अनुपयुक्त है।