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‘बिहार में सरकार बनानी है तो हमारा सम्मान करो’, कांग्रेस नेता ने तेजस्वी यादव को पढ़ाया पाठ!

वहीं, कांग्रेस प्रभारी द्वारा दिए जा रहे इस बयान से यह साफ जाहिर होता है कि दोनों ही दलों के बीच तनाव अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। जिसे दोनों ही दल चाह कर भी काबू में नहीं कर पा रहे हैं। बता दें कि आगामी 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने जा रहा है।

नई दिल्ली। आगामी 30 अक्टूबर को होने जा रहे उपचुनाव से पूर्व बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास द्वारा दिए गए बयान से यह साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस के रिश्ते आरजेडी के साथ कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं। अभी तक जिस तनाव को दोनों ही दल अपनी पूरी कोशिश के साथ दबाने की कोशिश कर रहे थे, उसमें अब वे नाकाम हो चुके हैं और अब यह तनाव सतह पर आ चुका है। दरअसल, बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने आरजेडी को अपनी ताकत याद दिलाते हुए कहा कि आप हमारे 19 विधायकों के बिना प्रदेश में अपनी सरकार नहीं बना सकते हैं।  अगर आप सरकार बनाना चाहते हैं तो इस दिशा में कांग्रेस की अहम भूमिका को खारिज नहीं किया जा सकता है, जब तक हमारे 19 विधायक आपको समर्थन नहीं देंगे तब तक आपका सरकार बनाने का ख्वाब पूरा नहीं होगा।

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वहीं, कांग्रेस प्रभारी द्वारा दिए जा रहे इस बयान से यह साफ जाहिर होता है कि दोनों ही दलों के बीच तनाव अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। जिसे दोनों ही दल चाह कर भी काबू में नहीं कर पा रहे हैं। बता दें कि आगामी 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने जा रहा है। जिसमें कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को उतारा है। अगर यह उम्मीदवार जीत दर्ज करने में कामयाब रहते हैं, तो इसमें कोई दोमत नहीं है कि इसके अप्रयत्यक्ष फायदा आरजेडी को भी मिलेगा, लेकिन इस बीच सवाल यह पैदा होता है कि कांग्रेस प्रभारी को यह बयान देने की क्यों जरूरत आन पड़ी कि कांग्रेस हमारे बिना सरकार बनाने में नाकाम रहेगी।

कांग्रेस प्रभारी ने आरजेडी को अपने विधायकों की ताकत का एहसास दिलाते हुए कहा कि आप हमारे 19 विधायकों के समर्थन को हल्के में  मत लीजिए। यह विधायक ही प्रदेश में सरकार  गठन की दिशा में  अहम भूमिका अदा करेंगे। खैर, कल तक महज तेजस्वी और तेजप्रताव के बीच जारी तनाव को लेकर सुर्खियों में रहने वाली आरजेडी के संदर्भ में दिए गए कांग्रेस के इस बयान से यह साफ जाहिर होता है कि दोनों ही दलों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे में अब देखना होगा कि आने वाले उपचुनाव में इसका दोनों ही दलों पर क्या कुछ असर पड़ता है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इससे पहले आप यह जान लीजिए कि विगत विधानसभा चुनाव में भी दोनों ही दलों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसमें कांग्रेस का प्रदर्शन कुछ खास उम्दा तो नहीं था, लेकिन आरजेडी का प्रदर्शन काफी बेहतर था।