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कोरोनावायरस से जुड़ी इस रिसर्च के मुताबिक, मरीज की आंख से कई हफ्तों बाद भी फैल सकता है कोरोना

कोरोनावायरस को लेकर दुनिया भर में कई तरह की रिसर्च की जा रही हैं। बड़े से बड़े वैज्ञानिक इस महामारी का इलाज ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस को लेकर दुनिया भर में कई तरह की रिसर्च की जा रही हैं। बड़े से बड़े वैज्ञानिक इस महामारी का इलाज ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही कोरोनावायरस से जुड़े अन्य लक्षणों पर भी जानकारी इकट्ठा की जा रही है। इस महामारी के विषय में दुनिया के पास मौजूदा जानकारी फिलहाल बेहद कम है क्योंकि कोविड-19 के कई मरीजों में बेहद अलग तरह के लक्षण दिखाई दिए हैं। हाल ही में एक स्टडी से पता चला है कि कोरोना वायरस के मरीजों की आंखों से कई हफ्तों तक कोरोना वायरस फैलने का खतरा बना रहता है। जांच के दौरान संक्रमण के करीब 21 दिन बाद भी एक महिला की गुलाबी आंखों में वायरस मिले।

इससे पहले मार्च में ये बात सामने आई थी कि कोरोना पीड़ित लोगों की आंखें लाल या फिर गुलाबी हो सकती हैं। कुछ स्टडी के मुताबिक, कोरोना से संक्रमित होने वाले कुछ लोगों की आंखों के रंग बदलते हैं या कन्जंक्टिवाइटिस के शिकार होते हैं। ऐसे लोगों का आंकड़ा कुल पीड़ितों में एक फीसदी या इससे कम ही माना जा रहा है।

इस विषय में इटली के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इंफेक्शस डिजीज के रिसर्चर्स ने स्टडी की है। उन्हें संक्रमण के करीब 21 दिन बाद भी 65 साल की महिला की आंखों से वायरस मिले। इस स्टडी को रिसर्च के बाद Annals of Internal Medicine में प्रकाशित किया गया है।

गौरतलब है कि आमतौर पर कोरोना वायरस एक व्यक्ति के छिंकने या उसके कफ से ही दूसरे में फैलता है, लेकिन नई स्टडी से पता चलता है कि आंखों से भी खतरा हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति खुद की आंखों को छूता है तो उसके हाथ से भी वायरस संक्रमण फैल सकता है।

कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस की वजह से लोगों को कन्जंक्टिवाइटिस की दिक्कत होती रही है. कई बार इसके साथ-साथ सांस की तकलीफ भी शुरू हो जाती है.
अमेरिका में कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जब मरीज में कोरोना का और कोई और लक्षण नहीं दिख रहा था सिवाए आंखों के गुलाबी होने के।

बता दें कोरोना को लेकर अबतक कई रिसर्च की जा चुकी हैं। मगर इस रिसर्च पर रिसर्चर्स का यह भी मानना है कि कोरोना से पीड़ित व्यक्ति की आंखों के फ्लूड में वायरस अपनी नकल तैयार करने लगता है। इसकी वजह से मरीज के आंसुओं से भी कोरोना फैलने का खतरा बना रहता है। कोरोनावायरस का यह अपनी तरह का सबसे अलग लक्षण सामने आया है जिसके बाद दुनियाभर के वैज्ञानिकों की निगाहें इस तरफ टिक गई हैं।