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खुशी की खबर: कमजोर पड़ा कोरोनावायरस का म्यूटेशन, दावा वैक्सीन बन गई तो एक डोज सालों तक संक्रमण से बचाएगा!

कोरोनावायरस के रूप बदलने (म्यूटेट) की दर धीमी हो गई है, इसलिए अब अधिक बेहतर वैक्सीन तैयार की जा सकती है। अब तक कोरोना के 24 रूप (स्ट्रेंन) सामने आ चुके हैं।

नई दिल्ली। कोरोना महामारी का कहर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। कोरोनावायरस के मामलों की वैश्विक संख्या बढ़कर 76 लाख से अधिक हो गई है, जबकि मरने वालों की संख्या 425,000 को पार कर गई है। इस बीच कोरोना को लेकर एक राहत भरी खबर सामने आई है। कोरोनावायरस के रूप बदलने (म्यूटेट) की दर धीमी हो गई है, इसलिए अब अधिक बेहतर वैक्सीन तैयार की जा सकती है। अब तक कोरोना के 24 रूप (स्ट्रेंन) सामने आ चुके हैं। दुनिया के कई विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस समय वैक्सीन तैयार हो गई तो इसका एक डोज कई सालों तक इंसानों को संक्रमण से बचाएगा।

corona test kit2

जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दुनियाभर से 20 हजार से अधिक कोरोना सैम्पलों का अध्ययन किया है। इस स्टडी में पाया कि इस वायरस के सबसे बड़े हथियार समझे जाने वाले स्पाइक प्रोटीन में बदलाव नहीं हो रहा है।

जॉन हॉपकिंस अप्लायड फिजिक्स लैब के मॉलिक्युलर बायोलॉजिस्ट डॉ. पीटर थीलेन के मुताबिक, 2019 के अंत से लेकर अब कोरोनावायरस में कुछ जेनेटिक बदलाव हुए हैं। अब वह लगभग स्टेबल है और यह समय वैक्सीन तैयार करने के लिए परफेक्ट है। इस समय कोरोना के आरएनए को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।

Corona case

डॉ. पीटर के मुताबिक, अमेरिकी में कोरोना का जो स्ट्रेन पहचाना गया था, वह वुहान में संक्रमण फैलाने वाले वायरस से मिलता जुलता था। इस समय तैयार हुई वैक्सीन शुरुआती कोरोनावायरस और म्यूटेशन के बाद वाले कोरोना, दोनों पर असरदार साबित होगी।

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विशेषज्ञ डॉ. विंसटन टिम्प के मुताबिक, बिना वैक्सीन के सामान्य जीवन में लौटना सम्भव नहीं है। वायरस के बदलने की धीमी गति का मतलब है, इस समय सफल वैक्सीन तैयार होने की सम्भावना ज्यादा है।