नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से तबलीगी जमात के कोरोना संक्रमण संदिग्धों को ले जाकर तुगलकाबाद में क्वारंटीन सेंटर (पृथक केंद्र) में रखा गया है। पहले ये लोग निजामुद्दीन मरकज को छोड़कर जाने को तैयार नहीं थे और अब ये लोग क्वारंटीन सेंटर में उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को भी परेशान कर रहे हैं।
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ की मानें तो ये सभी लोग पृथक केंद्र में जगह-जगह थूक रहे हैं। इसके साथ ही ये डॉक्टरों और कर्मचारियों पर भी थूक रहे हैं। बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमित या संदिग्ध लोगों के थूकने से इसके संक्रमण के प्रसार का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
सीपीआरओ के मुताबिक ये लोग बुधवार सुबह से ही खराब बर्ताव कर रहे हैं। ये सभी खाने-पीने की अनावश्यक चीजों की मांग कर रहे हैं। ये सभी लोग उनके इलाज में जुटे डॉक्टरों और उनकी देखरेख कर रहे कर्मचारियों के साथ बुरा बर्ताव कर रहे हैं। वे सभी क्वारंटीन सेंटर में जगह-जगह थूक रहे हैं। वह रोक के बावजूद हॉस्टल में घूमने लगते हैं।
साउथ ईस्ट दिल्ली के डीएम को उन्हें नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम या किसी सुरक्षित सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करने के लिए कहा गया था। शाम 5:30 बजे दिल्ली पुलिस के 4 सिपाही और 6 सीआरपीएफ जवानों के साथ पीसीआर वैन को क्वारंटाइन केंद्रों पर तैनात किया गया।
सड़कों पर भी थूक रहे थे
तबलीगी जमात के इन 167 कोरोना संदिग्धों को मंगलवार रात को 5 बसों से निजामुद्दीन मरकज से दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित क्वारंटीन सेंटर ले जाया गया है। इनमें से 97 लोगों को डीजल शेड ट्रेनिंग हॉस्टल के क्वारंटीन सेंटर और 70 को आरपीएफ बैरक क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है। बता दें कि ये सभी निजामुद्दीन मरकज से क्वारंटीन सेंटर ले जाए जाने के दौरान सड़कों पर भी थूक रहे थे। इन्हें थूकने से रोकने के लिए बसों के शीशे भी बंद करने पड़े थे।
संक्रमण के मामले बढ़ने में मरकज प्रमुख वजह
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण के 386 नये मामलों की पुष्टि और इससे तीन लोगों की मौत होने की जानकारी देते हुए बुधवार को बताया कि कोविड-19 के मामलों में वृद्धि राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण फैलने की दर को नहीं दर्शाती, बल्कि इस बढ़ोतरी में निजामुद्दीन (पश्चिम) में हुआ एक आयोजन प्रमुख वजह रहा।