नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित तबलीगी जमात में हिस्सा लेने को लेकर केंद्र सरकार ने अब सख्त रुख अपना लिया है। अब इसको लेकर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने आज तबलीगी जमात के कुछ अन्य लोगों को भी नोटिस जारी कर उन्हें जांच में सहयोग करने को कहा है। जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें से एक मुफ्ती शहजाद हैं, जो मरकज से ताल्लुक रखते हैं। पुलिस का कहना है कि वह फिलहाल बदरपुर सरकारी स्कूल में बने आइसोलेशन कैम्प में हैं, जहां उन्हें क्वॉरंटाइन किया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार क्राइम ब्रांच ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें निजामुद्दीन तबलीगी जमात मरकज के प्रमुख मौलाना साद के अलावा डॉ जिशान, मुफ्ती शहजाद, मोहम्मद, मोहम्मद सैफी, यूनुस मोहम्मद सलमान और मोहम्मद अशरफ समेत सात के नामों का उल्लेख है।
क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि अभी इस बात की जांच की जा रही है की इन लोगों ने मरकज के अंदर रहते हुए किस किस तरीके से सरकारी आदेशों का उल्लंघन किया है। किन-किन तरीकों से कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी को बढ़ाया है। इतना ही नहीं पुलिस का यह भी कहना है कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं यह सारा काम सोची समझी साजिश के तहत तो अंजाम नहीं दिया गया है। कहीं इन लोगों ने जमात के नाम पर एकत्र होकर पूरे भारत देश में यह प्राणघातक बीमारी फैलाने का षड्यंत्र तो नहीं रचा है?
इससे पहले दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मामले में मौलाना साद और तबलीगी जमात के दूसरे लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। महामारी अधिनियम 1897 और आईपीसी की दूसरी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। कोविड 19 के मद्देनजर बस्ती निजामुद्दीन के मरकज को सभाओं पर पाबंदी को लेकर दिए गए सरकारी निर्देशों के उल्लंघन का भी मामला है।