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AMU के दानिश रहीम को PM मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़ने की मिली सज़ा, छीनी जा रही डिग्री..

AMU :अभी तो फिलहाल बात एएमयू वाले मुद्दे पर करते हैं। एएमयू के बारे में हमें नहीं लगता है कि आपको कुछ ज्यादा कुछ बताने की जरूरत होगी। ये वही एएमयू जहां देश को दो टुकड़े करने वाले जिन्ना की तस्वीर बेहद ही शानो शौकत से लगाई गई है।

नई दिल्ली। आखिर पर्दे के पीछे की क्या है सच्चाई? यह तो फिलहाल बताएगा आने वाला वक्त, लेकिन उससे पहले एएमयू एक बार फिर से विवादों की दुनिया में दस्तक दे चुका है। अपने पूर्ववर्ती अनुभवों के आधार पर लोग एक बार फिर एमएयू को लताड़ लगा रहे हैं। लोगों के कहर का शिकार होने के बाद यूनिवर्सिटी खुद पर लगे तोमतें को झूठा करार दे रहा है। चलिए, आपको पूरा माजरा तफसील से बताते हैं। दरअसल, इस पूरे मसले की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विराट व्यक्तित्व से होती है। यह बात तो फिलहाल किसी को भी बताने की जरूरत नहीं है कि आज की तारीख में देश-दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चाहने वालों की संख्या में क्रांतिकारी इजाफा दर्ज किया जा रहा है। लंदन, पेरिश, न्यॉयार्क रूस, जहां देखिए, वहीं आपको उनके चाहने वाले मिल जाएंगे। जिसकी बानगी हमें कई मर्तबा वैश्विक पटल पर देखने को भी मिल चुकी है और उनकी इसी विराट व्यक्तित्व की वजह से उनके विरोधियों की कुंठा कई मौकों पर जाहिर होती रही है। खैर, उन मसलों पर किसी और दिन बात करेंगे।

pm modi

अभी तो फिलहाल बात एएमयू वाले मुद्दे पर करते हैं। एएमयू के बारे में हमें नहीं लगता है कि आपको कुछ ज्यादा कुछ बताने की जरूरत होगी। ये वही एएमयू जहां देश को दो टुकड़े करने वाले जिन्ना की तस्वीर बेहद ही शानो शौकत से लगाई गई है। कई मौकों पर राष्ट्रप्रमियों ने इस तस्वीर की मुखालफत की, लेकिन अफसोस उनकी मुखालफत महज मुखालफत बनकर ही रह गई। खैर, छोड़िए, उन बातों को, मुद्दे की बात पर आते हैं, तो इसी एएमयू में दानिश रहीम पढ़ता था। दानिश अब अपनी पढ़ाई मुकम्मल कर चुके हैं। पीएचडी के छात्र रहे दानिश आज  आज इसी यूनिवर्सिटी द्वारा अदा किए गए तालिम के सहारे अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं। तो बात 22 दिसंबर 2020 की है, जब एएमयू अपनी स्थापना के 100 वर्ष मुकम्मल होने के मौके पर कार्यक्रम आयोजित कर रहा था, जिसमें सभी छात्र समेत अन्य गणमान्य लोगों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी। इन्हीं मौजूदा छात्रों में दानिश रहीम भी शामिल थे।

इस कार्यक्रम में मीडिया बंधु भी शामिल हुए थे, तो मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कई लोगों ने यूनिवर्सिटी के नाम तारीफों के कसीदे पढ़े थे। खैर, जब बारी दानिश रहीम की आई, तो उन्होंने यूनिवर्सिटी के नाम तारीफों के कसीदे तो पढ़े ही पढ़े, लेकिन इसके साथ ही  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कुछ ऐसा कह दिया, जिसकी खबर लगते ही यूनिवर्सिटी के कर्ताधर्ता दानिश से खफा हो गए और इनकी खफायत का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि उन्होंने दानिश से पीएचडी की डिग्री भी मांग रहे हैं। जिससे व्यथित होकर अब दानिश मीडिया का सहारा लेकर प्रधानमंत्री से मुदद की गुहार लगा रहे हैं। इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे कि आखिर दानिश ने प्रधानमंत्री के बारे में ऐसा क्या कह दिया, जिसकी वजह से उनसे डिग्री ही वापस ले ली गई थी।

danish

तो दानिश का कहना है कि उसने मीडिया से मुखातिब होने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम तारीफों के कसीदे पढ़े दिए थे। चूंकि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भारत का चमकता भविष्य नजर आता है। दानिश ने प्रधानमंत्री को यशस्वी प्रधानमंत्री तक करार दे दिया था। उन्होंने अपनी तारीफों में प्रधानमंत्री के संदर्भ में बहुत कुछ कहा था। लेकिन जैसे ही इसकी खबर यूनिवर्सिटी के कर्ताधर्ता को लगी, तो उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए दानिश को डिग्री वापस करने के लिए कह दिया। साथ ही दानिश को हिदायत देते हुए कहा कि आप यूनिवर्सिटी के छात्र हैं न कि पार्टी के अध्यक्ष, जो इस तरह का बयान दे रहे हैं। वहीं मीडिया में खबर आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन अपने ऊपर लगे आरोपों से पल्ला झाड़ रहा है।

कह रहा है कि छात्र द्वारा महज सुर्खियों में रहने और सियासी स्वार्थ की पूर्ति करने हेतु इस तरह के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने छात्र द्वारा लगाए गए आरोपों के संदर्भ में कहा कि, उन्होंने (दानिश) भाषा विज्ञान विभाग के एलएएम (विज्ञापन और मार्केटिंग की भाषा) पाठ्यक्रम में एमए और PHD किया है, जो भाषा विज्ञान में PHD की डिग्री भी प्रदान करता है। चूँकि उन्होंने LAM में MA किया है, इसलिए उन्हें LAM में PHD की डिग्री प्राप्त करनी चाहिए। दानिश को गलती से भाषा विज्ञान में PHD की डिग्री दे दी गई है। अब गलती को सुधारा जाएगा। इस घटना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। अब देखना होगा कि आगे चलकर यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है।