
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बीजेपी के सक्रिय सदस्य बिनय कुमार सिंह की अर्जी पर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी), विकिमीडिया फाउंडेशन और इंटरनेट आर्काइव के खिलाफ नोटिस जारी कर उनके प्रतिनिधियों को तलब किया है। बिनय कुमार सिंह ने इन सभी के खिलाफ स्थायी निषेध जारी करने और नुकसान के लिए मानहानि का दीवानी मुकदमा कराया है। मामला गुजरात दंगों और उसमें पीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका दिखाने वाली डॉक्यूमेंट्री का है। केंद्र सरकार ने बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को बैन कर दिया था। जिसके बाद देश में सियासी माहौल गरमा गया था।
बिनय कुमार सिंह ने अपने वकील मुकेश शर्मा के जरिए एडीजे रुचिका सिंगला के कोर्ट में केस किया है। बिनय का कहना है कि आरएसएस, वीएचपी और बीजेपी की मानहानि हुई है। इन संगठनों से वो भी जुड़े हैं। ऐसे में उनकी भी मानहानि का मामला बनता है। कोर्ट ने इस मामले में बीबीसी, विकिमीडिया फाउंडेशन और इंटरनेट आर्काइव को तलब करने का नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 11 मई के लिए तय की है। तीनों संगठनों से उस दिन जवाब मिलने और उनके वकीलों की बात सुनने के बाद कोर्ट आगे का कदम तय करेगा।
बता दें कि बीबीसी की गुजरात संबंधी डॉक्यूमेंट्री में पीएम मोदी की भूमिका को उठाने से बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हिंदूवादी संगठनों ने भी इस डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया था। बीबीसी पर आरोप है कि उसने तथ्यों को सामने नहीं रखा और भारत के खिलाफ बोलने वाले लोगों का इंटरव्यू अपनी डॉक्यूमेंट्री में दिखाया। मोदी सरकार की तरफ से डॉक्यूमेंट्री को बैन किए जाने से विपक्षी दल भड़के थे। उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया था। बाद में जब इनकम टैक्स विभाग ने बीबीसी के दिल्ली और मुंबई दफ्तरों पर छापे मारे, तो ये मामला और गरमाया था।