नई दिल्ली। केंद्र सरकार की सेना में भर्ती योजना अग्निपथ को लेकर विवाद भी गर्मा गया है। अब कैंडिडटों से जाति और रिलिजन सर्टिफिकेट मांगे जाने को लेकर सियासत शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह , जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सैन्य भर्ती में जाति प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए हैं। इसी बीचअग्निपथ स्कीम के तहत जाति प्रमाण पत्र मांगने को लेकर उठे सवालों पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने जाति और रिलिजन सर्टिफिकेट मांगे जाने वाले विवाद पर खुद विपक्ष को जवाब दिया हैं। साथ ही उन्होंने इन प्रश्नों को महज अफवाह करार दिया।
राजनाथ सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जो पहले से आजादी व्यवस्था थी अबतक वहीं व्यवस्था चली आ रही है। 1949 से जो व्यवस्था चली आ रही है। वहीं व्यवस्था आज भी जारी है। सैन्य भर्ती की प्रक्रिया में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। उन्होंने ये बयान संसद भवन से निकलते वक्त कही है।
यह पूरी तरह से अफवाह है। जो व्यवस्था पहले थी, आजादी के पहले से चली आ रही पुरानी व्यवस्था वही चल रही है। कोई बदलाव नहीं किया गया है। पुरानी व्यवस्था को जारी रखा जा रहा है: अग्निपथ योजना के लिए जाति और धर्म प्रमाण पत्र मांगे जा रहे… विपक्ष के आरोपों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह pic.twitter.com/ltVYiXxCRQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 19, 2022
सेना ने दी सफाई-
इससे पहले सैन्य भर्ती में जाति और धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर आर्मी का रिएक्शन आया। सैन्य अधिकारियों ने बताया है कि अग्निपथ योजना के तहत सैन्य भर्ती प्रक्रिया में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। पहले भी आर्मी भर्ती के लिए जाति व धर्म प्रमाण पत्र मांगा जाता रहा है।
उधर, अग्निपथ योजना को लेकर सवाल उठने वाले विपक्ष को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने जमकर खरी-खरी सुनाई है। पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, इस योजना को लेकर जानबूझकर विवाद पैदा किया जा रहा है। सैन्य भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है।