नई दिल्ली। कोरोना के चलते देश की राजधानी दिल्ली में हालात बिगड़ते जा रहे हैं, मामलों में तेजी के साथ वृद्धि देखने को मिल रही है। इसके बीच दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ने कोरोना से लड़ने के लिए एक सलाहकार समिति का गठन किया है, जिसमें छह सदस्य होंगे। इस समिति के निर्माण के साथ ही अनिल बैजल ने समिति को एक तय समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) को सौंपने के निर्देश दिए हैं।
कौन-कौन है सदस्य
इसमें शामिल सदस्यों की बात करें तो अनिल बैजल द्वारा गठित समिति में एनडीएमए के सदस्य कृष्ण वत्स और कमल किशोर के अलावा आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव भी शामिल हैं। इनके अलावा, एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया, डीजीएसएस के एडिशनल डीडीजी डॉ. रवींद्र और एनसीडीसी के डायरेक्टर डॉ. सुरजीत कुमार सिंह को भी शामिल किया गया है।
इस समिति का कार्य दिल्ली में कोरोना के हालात पर नजर रखना होगा और इसके फैलाव की रोकथाम में आ रही चुनौतियों पर अपनी राय देना होगा। इसके अलावा यह समिति दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं के ढांचे को बेहतर करने में अपनी राय देगी। गौरतलब है कि एलजी ने ये समिति ऐसे समय बनाई है। जब दिल्ली में कोरोना का आतंक मचा हुआ है। पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में रोज एक हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामले, मरीजों और शवों के साथ सलूक पर दिल्ली सरकार निशाने पर है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से शुक्रवार को दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार भी लगी है। कोरोना वायरस के बढ़ते संकट, अस्पतालों की स्थिति, शवों के साथ बर्ताव को लेकर अदालत ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।
अदालत का कहना है कि दिल्ली में जिस तरह से शवों का रख-रखाव हो रहा है, वो काफी दुख देने वाला है। सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने कहा कि दिल्ली में शवों के रख-रखाव की हालत भी काफी खराब है। परिवार के लोगों को मौत की जानकारी तक नहीं दी जा रही है।