
नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 1984 में हुए सिख दंगा पीड़ितों के परिवार वालों को आज नियुक्ति पत्र बांटे। इस दौरान मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा भी उनके साथ मौजूद रहे। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि इतने सालों का संघर्ष, अधिकारों की आपकी लड़ाई, 1984 में सामूहिक नरसंहार के दौरान आपने जो अपार कष्ट झेले, जब परिवारों के कई लोग मारे गए, उसके बाद आपने फिर से किसी तरह अपने आप को खड़ा करने की कोशिश की। इन सभी वर्षों के दौरान, किसी भी सरकार ने इन परिवारों को एक भी रुपये की मदद नहीं की, जो दिल्ली में हमारे सिख भाइयों के लिए बहुत ही दुखद और निराशाजनक था। आज, मुझे यह देखकर बहुत सुकून का अनुभव हो रहा है कि दंगा पीड़ितों में से 125 परिवारों के लिए नौकरी में नियुक्ति स्वीकृत की गई हैं और उनमें से 19 पहले ही अपने पदों पर नियुक्त हो चुके हैं।
Delhi: CM Rekha Gupta says, “…After so many years of struggle, your fight for your rights, the immense suffering you endured during the mass killings in 1984 when many people of the families were killed, then they tried to rebuild lives from the ground up. During all these… https://t.co/qzf6DV7KDs pic.twitter.com/AeNUOVX8sI
— IANS (@ians_india) May 27, 2025
सीएम ने कहा, यह वास्तव में हम सभी के लिए राहत भरा है। कश्मीरी नागरिक जो अपना घर छोड़कर दर दर भटक रहे थे उनके लिए भी हमारी सरकार ने रिबेट देनी शुरू की। इमरजेंसी के दौरान दिल्ली के जो लोग जेल में रहे उनके लिए भी दिल्ली सरकार पेंशन देगी। जैसे बाकी राज्यों में उनका सम्मान होता है वैसे ही उनका सम्मान अब दिल्ली सरकार भी करेगी।
Delhi: Minister Manjinder Singh Sirsa says, “There are around 600 families who have been waiting for justice since 1984 nearly 40 years. Congress consistently blocked their employment opportunities, despite repeated efforts. When I was the President of the Delhi Gurdwara… pic.twitter.com/Ndahv8900s
— IANS (@ians_india) May 27, 2025
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, करीब 600 परिवार ऐसे हैं जो 1984 से लेकर करीब 40 साल से न्याय का इंतजार कर रहे हैं। लगातार प्रयासों के बावजूद कांग्रेस ने उनके रोजगार के अवसरों को अवरुद्ध किया। जब मैं दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अध्यक्ष था, तो हम उनके मामलों का समर्थन करने के लिए कोर्ट से आदेश लेकर आए थे। यहां तक कि आम आदमी पार्टी ने भी इन नियुक्तियों की अनुमति नहीं दी, क्योंकि उनके समर्थक कांग्रेस से जुड़े हुए थे। उपराज्यपाल (एलजी) के हस्तक्षेप और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद ही एलजी वीके सक्सेना द्वारा 125 लोगों को नियुक्ति स्वीकृत की गई है।