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दिल्ली के बाद अब यूपी-हरियाणा में भी सस्ता हुआ कोरोना का इलाज, अमित शाह की पहल का नतीजा

अमित शाह की पहल का ही नतीजा था कि दिल्ली में कोरोना का इलाज सबसे सस्ता हो पाया था। अब इसे यूपी और हरियाणा जैसे राज्यों में भी लागू कराने की अमित शाह की योजना है।

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली सरकार के साथ मिलकर जब से दिल्ली में कोरोना से उपजे हालात की समीक्षा करनी शुरू की और इस पर गृहमंत्री ने अपनी पैनी निगाह रखी है तब से धीरे-धीरे दिल्ली में कोरोना के मामले सामान्य होने लगे हैँ। जिस तरह का भयावह रूप दिल्ली में कोरोना का लोगों को डराने लगा था उससे लोगों को थोड़ी राहत मिली है। वहीं अमित शाह की पहल का ही नतीजा था कि दिल्ली में कोरोना का इलाज सबसे सस्ता हो पाया था। अब इसे यूपी और हरियाणा जैसे राज्यों में भी लागू कराने की अमित शाह की योजना है।

Covid Review meet Amit Shah

दिल्ली और इससे सटे एनसीआर में कोरोनावायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार एक के बाद एक कदम उठाए थे। जिसमें एक अहम निर्देश यह था कि दिल्ली एनसीआर एक यूनिट की तरह काम करें, ताकि कोरोना वायरस को हराया जा सके। अब कोरोनावायरस का इलाज और उसके रोकथाम से संबंधित वही फैसले हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर गृह मंत्री ने उन्हें भी लेने को कहा। उसका नतीजा यह हुआ कि दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश में मुनासिब दरों पर कोरोनावायरस मरीज का इलाज हो सकेगा।

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वीके पॉल कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, जिस दर पर यह इलाज दिल्ली में हो रहा है अब उसी दर पर उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी इलाज होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि निजी अस्पताल जो कोरोनावायरस का इलाज कर रहे हैं वह मनमानी फीस मरीजों से नहीं वसूल पाएंगे।

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गृह मंत्री के निर्देशों के बाद दिल्ली के साथ-साथ गाजियाबाद में भी कोविड इलाज की दरें सस्ती हुई हैं। अब यहां भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए वीके पॉल कमेटी की सिफारिशें लागू कर दी गई हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बाबत शासनादेश जारी किया था, जिसके बाद गाजियाबाद के जिला प्रशासन ने इस संबंध में कोविड का इलाज कर रहे सभी अस्पतालों को यह आदेश जारी किया। गाजियाबाद शासन के आदेश के मुताबिक जिले में कोई भी अस्पताल कोरोनावायरस मरीज से प्रतिदिन 18000 से ज्यादा फीस नहीं ले सकेगा।

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गाजियाबाद की तरह जल्द ही नोएडा और यूपी में ए-श्रेणी के तहत दस बड़े शहरों के स्थानीय प्रशासन इन दरों को लागू करने के लिए आदेश जारी करेंगे। इसके अलावा प्रदेश के अन्य छोटे शहरों में भी इन्हीं दर के मुताबिक या फिर इससे कम दर में निजी अस्पताल कोरोना इलाज के लिए मरीजों से पैसे लेंगे। इस कमेटी द्वारा दी गई सिफारिशों के मुताबिक आइसोलेशन के साथ ऑक्सीजन बेड की दर 8000 से 10000 रुपए हैं। बिना वेंटीलेटर के आईसीयू 13000 से 15000 रुपए हैं। वहीं, वेंटीलेटर के साथ आईसीयू 15000 से 18000 रुपए होंगी। पीपीई किट की कीमतें भी शामिल होंगी। इस कमेटी की सिफारिशों से पहले कोरोनावायरस का इलाज कर रहे अस्पतालों के लिए पैसे लेने का कोई मापदंड नहीं था और मरीज के ऊपर इलाज का दोगुना से ज्यादा खर्चा आता था।

Covid Review meet Amit Shah

दिल्ली के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्री को निर्देश दिया था कि एनसीआर के जिलों में भी यही व्यवस्था लागू की जाए। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने एनसीआर समेत यूपी के सारे जिलों में यही दर तय की है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी दिल्ली की ही तर्ज पर कई जिलों में एंटीजेंट टेस्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस टेस्ट से कोरोना संक्रमण का रिजल्ट आधे घंटे में ही आ जाता है। गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर शुरू हुई इस प्रक्रिया के दिल्ली में बेहद सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद समेत अन्य शहरों में जहां संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं वहां टेस्टिंग की इस प्रक्रिया से कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने में मदद मिलेगी।