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ऐसे शांत हुई दिल्ली जब ‘जेम्स बॉन्ड’ अवतार में सड़क पर आए NSA अजीत डोभाल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल तो मंगलवार की पूरी रात इन हिंसाग्रस्त इलाके में खुद हीं गश्त करते रहे। उन्होंने बड़ी बारिकी से हालात का जायजा लिया और फिर वह अगले दिन यानी मंगलवार को तड़के ही इन इलाके की गलियों में सामान्य आदमी की तरह जनता के बीच मिलने पहुंच गए।

नई दिल्ली। देश की राजधानी उत्तर-पूर्वी इलाका पिछले चार दिनों तक हिंसाग्रस्त रहा। बुधवार को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में भड़की हिंसा को काबू किया गया तो इसमें सबसे बड़ा योगदान दिल्ली पुलिस, भारतीय सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का रहा। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल तो मंगलवार की पूरी रात इन हिंसाग्रस्त इलाके में खुद हीं गश्त करते रहे। उन्होंने बड़ी बारिकी से हालात का जायजा लिया और फिर वह अगले दिन यानी मंगलवार को तड़के ही इन इलाके की गलियों में सामान्य आदमी की तरह जनता के बीच मिलने पहुंच गए। वह गलियों से गुजरते एक-एक से मिलते और उन्हें भरोसा दिलाते की हम और हमारी पुलिस व्यवस्था आपके साथ है आपके साथ कुछ भी बुरा नहीं होगा।

NSA Ajit Doval

दिल्ली में मंगलवार को उत्तर-पूर्वी इलाके में हालात बेकाबू होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को हालात संभालने का आदेश दिया। आदेश मिलते ही अजीत डोभाल ने पहले दिल्ली पुलिस के आला अफसरों के साथ बैठक कर सारी बातें समझी। उसके बाद वह दिल्ली की सड़कों पर थे। क्या संकरी गलियां क्या चौड़ी सड़कें हिंसा प्रभावित इलाके में हर जगह पहुंचे अजीत डोभाल लोगों में विश्वास पैदा करने की कोशिश में लगे रहे कि वह सुरक्षित हैं और उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। शाम होते-होते इलाके में हालात सामान्य हो गए।

pm modi ajit doval

ये वही अजीत डोभाल हैं जो कई गंभीर मौकों को अपने तरीके से हैंडल करने में कामयाब हो चुके हैं। पिछले साल जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वहां की सुरक्षा व्यवस्था को भी संभालने की जिम्मेदारी डोभाल के कंधों पर ही थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। वह लगातार घाटी में सड़कों पर रहे और लोगों से बातचीत कर उन्हें समझाते रहे। वहां लोगों के साथ खाना-पीना खाते हंसते बोलते और बच्चों के साथ मस्ती करते अजीत डोभाल की तारीफ पूरे भारत के लोग कर रहे थे।

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जब सोमवार की रात अजीत डोभाल सड़कों पर उतरे थे तो इसके ठीक बाद हिंसाग्रस्त इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। हालात जब थोड़े सामान्य होने लगे तो अजीत डोभाल भयभीत जनता में भरोसा जगाने के लिए खुद हिंसाग्रस्त इलाके की सड़कों पर घूमने निकल पड़े। हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद एनएसए डोभाल गृहमंत्री अमित शाह से मिले और हालात की रिपोर्ट उन्हें सौंपी। जिस दिन ट्रंप दिल्ली में थे उसी दिन ट्रंप के दिल्ली से रवाना होने के तुरंत बाद हिंसा प्रभावित इलाके में पूरी रात गलियों और सड़कों पर अजीत डोभाल घूमते रहे और हालात का जायजा लेते रहे।

घोंडा इलाके में पहुंचे डोभाल ने लोगों के घरों को नॉक कर उन्हें बाहर आने को कहा फिर वे उनसे बताते दिखे कि आप लोगों को अब कोई दिक्कत नहीं होगी। आपकी सुरक्षा में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इसके साथ ही लोगों की आंखों में अजीत डोभाल को अपने बीच देखकर जो भरोसा नजर आया वह सचमुच अद्भुत था। लोग अजीत डोभाल से सीधे कह रहे थे आप हमारे बीच आ गए हमारे अंदर का डर खत्म हो गया अब हम अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

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डोभाल को देखकर भयभीत जनता के चहरे पर थोड़ी राहत देखने को मिली। कई जगहों पर तो लोगों ने उत्साह जताने के लिए भारत माता की जय के नारे लगाए। एनएसए लोगों से कहते दिखे कि हम सब भारतीय हैं। हमें आपसी बैर नहीं रखना है। यह देश हमारा है इसलिए हम सबको इसे संभालना है।

डोभाल ने कहा कि लोगों में एकता की भावना है। कुछ क्रिमिनल्स इस तरह की चीजें करते हैं, लोग उन्हें अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस यहां है और अपना काम कर रही है। हम यहां गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के आदेश पर आए हैं। इंशाअल्लाह! यहां पर बिल्कुल अमन होगा। मेरा संदेश लोगों को यही है कि हर कोई जो अपने देश से प्यार करता है, अपने समाज और पड़ोसी से भी प्यार करता है। हर किसी को दूसरों के साथ प्यार और भाईचारे के साथ रहना चाहिए। लोगों को एक दूसरे की समस्याएं सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए, उन्हें बढ़ाने की नहीं।

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एनएसए ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे पीएम मोदी और गृह मंत्रालय के आदेश पर आए हैं। उन्होंने कहा कि समाज में ज्यादातर अच्छे लोग होते हैं। 10-20 आधराधिक प्रवृति के लोग होते हैं वहीं माहौल को खराब करते हैं। अब दिल्ली की जनता को टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। पर्याप्त संख्या में हिंसाग्रस्त इलाकों में सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं।

जम्मू-कश्मीर से भी 370 हटाए जाने के बाद सरकार के लिए संकटमोचक बने थे अजीत डोभाल

अजीत डोभाल कई गंभीर मौकों पर अपनी तरफ से इसे हैंडल करने में कामयाब होते हैं। पिछले साल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वहां की सुरक्षा व्यवस्था को भी संभालने की जिम्मेदारी डोभाल के कंधों पर ही थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। वह लगातार घाटी में सड़कों पर रहे और लोगों से बातचीत कर उन्हें समझाते रहे। वहां लोगों के साथ खाना-पीना खाते हंसते बोलते और बच्चों के साथ मस्ती करते अजीत डोभाल की तारीफ पूरे भारत के लोग कर रहे थे।

डोभाल लंबे समय तक पाकिस्तान में खुफिया की तरह काम रह चुके हैं। मौजूदा दौर में माना जाता है कि डोभाल को जो भी जिम्मेदारी मिलती है वह उसे बखूबी अंजाम तक पहुंचाते हैं। इसी वजह से सोशल मीडिया पर लोग इन्हें भारत का जेम्स बॉन्ड कहकर संबोधित करते हैं। दिल्ली हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।