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J&K: परिसीमन आयोग ने दिया जम्मू में 6 और कश्मीर में 1 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव, जानें किस पार्टी को मिलेगा सियासी फायदा

Jammu and Kashmir: इस तरह से देखे तो वर्तमान में विधानसभा की 83 सीटें ही शेष रह गईं हैं, जिसमें से जम्मू की 6 सीटें और कश्मीर की 1 सीटें बढ़ाने की सिफारिश की गई है। अगर इस सिफारिश पर मुहर लगी तो राज्य में विधानसभा की कुल सीटें 90 हो जाएंगी, लेकिन राज्य में कुछ लोग विधानसभा की सीटें बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं।

नई दिल्ली। प्रारंभ से ही भारत के हर राजनीतिक दल के लिए जम्मू-कश्मीर एक अहम विषय रहा है। लेकिन इतिहास भी गवाह है कि वहां के स्थानीय राजनीतिक दल को छोड़कर कोई अपना दुर्ग स्थापित करना तो दूर बल्कि वहां की आम आवाम को भी रिझाने में भी नाकाम रहा है। अब इसी जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि परिसीमन आयोग की तरफ से जम्मू की 6 और कश्मीर की 1 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। अगर ऐसा हुआ तो जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की सीटें बढ़कर कुल 90 हो जाएंगी। बता दें कि पहले राज्य में कुल 87 सीटें थी जिसमें से 4 लद्दाख में शामिल थीं, लेकिन लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद अब वह बिना सीटों वाला केंद्र शासित प्रदेश बनकर रह गया है।

Jammu-and-Kashmir

इस तरह से देखे तो वर्तमान में विधानसभा की 83 सीटें ही शेष रह गईं हैं, जिसमें से जम्मू की 6 सीटें और कश्मीर की 1 सीटें बढ़ाने की सिफारिश की गई है। अगर इस सिफारिश पर मुहर लगी तो राज्य में विधानसभा की कुल सीटें 90 हो जाएंगी, लेकिन राज्य में कुछ लोग विधानसभा की सीटें बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सीटें बढ़ाने से राजनीतिक ढांचा बिगड़ जाएगा। आइए, जरा इस सिफारिश का विरोध करने वाले लोगों के ख्यालातों और उनके तर्कों के बारे में जान लेते हैं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जम्मू में 6 और कश्मीर में 1 सीट बढ़ाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि आयोग डेटा के बजाय बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे को जमीन पर उतराने का काम किया है।

jammu and kahmir

इसके अलावा सज्जाद लोन ने परिसीमन आयोग द्वारा किए गए इस सिफारिश का विरोध करते हुए कहा कि, यह हम सभी के लिए अस्वीकार्य है। हम लोकतंत्र पर भरोसा करते हैं, लेकि यह हमारे लिए हैरान कर देने वाला है। वहीं पीडीपी के नेता सुहेल बुखारी ने कहा कि महबूबा मुफ्ती काफी पहले से ही करती हुई आ रही हैं कि वो काफी पहले से ही कहती हुईं आ रही हैं कि आयोग बीजेपी के राजनीति के एजेंडे के अनरूप निर्धारित किए गए रूपरेखा के तहत कार्य कर रहा है।