नई दिल्ली। चार दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे पर गए परिसीमन आयोग की टीम ने प्रदेश में 7 सीटें बढ़ाने का फैसला किया है। जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटें हो जाएंगी। कहा जा रहा है कि परिसीमन की यह प्रक्रिया मार्च 2022 तक खत्म होगी। जिसके बाद प्रदेश में सात सीटें और बढ़ जाएंगी। दरअसल जम्मू में परिसीमन आयोग के चेयरपर्सन रंजना प्रकाश देसाई और सदस्य सुशील चंद्रा, केके शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी है। इसको लेकर यह भी सूचना मिल रही है अगले साल मार्च के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का चुनाव भी काराया जाएगा। लेकिन यह तभी संभव है जब परिसीमन की प्रक्रिया को आखिरी रूप दिया जाए। वहीं इसके साथ ही इस बात की भी सूचना आ रही है कि 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया को पूरा कि जाएगा। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि पहले के मुकाबले प्रदेश में जिलों और तहसीलों की संख्या बढ़कर 12 से 20 और 58 से 270 हो गई है। ऐसे में इन इलाकों का एक बार पुनः व्यवस्था निर्धारण करना अनिवार्य हो गया है।
रंजना प्रकाश देसाई ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम यहां तीन दिनों से हैं। सभी दलों के विचारों को ध्यान में रखते हुए फैसला किया गया है। हम कानून के हिसाब से काम करेंगे। भविष्य में दोबरा आएंगे। यह परिसीमन 2011 की जनगणना पर आधारित होगा। पिछले परिसीमन पर 12 जिले थे जिन्हें बढ़ा कर अब 20 जिले कर दिए गए हैं। आयोग के सदस्यों ने 290 से अधिक दलों और संगठनों से मुलाकात की, जिसमें 800 के आसपास सदस्य थे। इन सभी दलों ने परिसीमन पर खुशी जताई है। तो वहीं कुछ दलों ने राजनीतिक आरक्षण की मांग भी की है।’
बताया गया है कि परिसीमन आयोग ने चीफ सेक्रेटरी से भी मुलाकात की और प्रदेश के एक अधिकारी को नोडल अफसर बनाने की मांग की है। आयोग ने कहा है कि जिन लोगों को इस परिसीमन पर कोई राय देनी हो वो इस नोडल अफसर को वो राय दे सकते हैं। जिन राजनीतिक दलों ने परिसीमन आयोग से दूरी बनाई हम दुआ करते हैं वो मिलने आए। बता दें कि भूगौलिक स्थितियों को पहले परिसीमन में ध्यान नहीं रखा गया। हम यकीन दिलाते हैं कि यह प्रक्रिया कानून के मुताबिक होगी और पारदर्शी होगी।
कहा जा रहा है कि परिसीमन आयोग जम्मू कश्मीर के और भी हिस्सों में दौरा कर सकता है। यही नहीं एसोसिएट मेंबर्स के साथ भी मीटिंग में ड्रॉप्ड प्रस्तावों पर भी चर्चा की जा सकती है। जिसके बाद परिसीमन आयोग फाइनल ड्राफ्ट तैयार करेगा। आयोग अपनी अंतिम रिपोर्ट 2022 तक सरकार को सौंप देगा।