नई दिल्ली। लगभग एक साल तक चले किसान आंदोलन के बाद आखिरकार पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हम कुछ किसानों को समझाने में सफल नहीं पाए, शायद हमारी ही तपस्या में कोई कमी रह गई। पीएम मोदी के कृषि कानून वापस लेने के एलान के बाद अब CAA-NRC कानून वापस लेने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। इन्हीं मांगों पर केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जवाब दिया है।
‘मोदी सरकार CAA का कानून भी वापस लेगी’
दरअसल कृषि कानून वापस लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘सरकार ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फैसला देरी से लिया है। यह किसान आंदोलन और किसानों की सफलता है। चुनाव में जाना था इसलिए केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। वह दिन भी दूर नहीं है, जब मोदी सरकार CAA का कानून भी वापस लेगी’। सिर्फ योगी ही नहीं, बल्कि कई मुस्लिम संगठनों ने कानून वापस लेने की मांग की है। जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सीएए को कृषि कानूनों की तरह वापस लेने की मांग की है। जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्ला हुसैनी ने कहा कि हम अब सरकार से सीएए-एनआरसी आदि जैसे अन्य कानूनों की ओर ध्यान देने का आग्रह करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें भी जल्द से जल्द वापस ले लिया जाए।
सियासी ड्रामा शुरू हो गया है-केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी
अब इसी मांग पर केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का बयान सामने आया है। मुख्तार अब्बास नकवी ने CAA-NRC कानून वापस लिए जाने की मांग पर कहा है कि सियासी ड्रामा शुरू हो गया है। कोई कहता है कि सीएए को निरस्त कर देना चाहिए, धारा 370 को खत्म करना चाहिए। वे यह अच्छी तरह जानते हैं कि सीएए नागरिकता छीनने के बारे में नहीं है बल्कि बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान में उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने के लिए है। उन्होंने आगे कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के साथ, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बहुत सारे मुद्दों का समाधान हो गया है और लोगों को मुख्यधारा में लाया गया है। वे भी राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा बन रहे हैं।
Political drama has begun. Somebody says CAA should be repealed, abrogation of Article 370 should be scrapped. They know it well that CAA isn’t about taking away citizenship but providing citizenship to oppressed minorities in Bangladesh, Pakistan, Afghanistan: Union Min MA Naqvi pic.twitter.com/Xhn1PVwgdh
— ANI UP (@ANINewsUP) November 21, 2021
दरअसल कई संगठनों द्वारा CAA-NRC कानून वापस लिए जाने की मांग की जा रही है। CAA-NRC कानून की वापसी की मांग को लेकर पिछले साल कई जगहों पर प्रदर्शन हुए थे। जिस तरह आज गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर किसान आंदोलन के लिए जाने जाते हैं, ठीक उसी तरह CAA-NRC कानून की वापसी की मांग को लेकर शाहीनबाग़ में भी सड़क पर प्रदर्शनकारी बैठे थे।