नई दिल्ली। एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस अंततः उत्तर प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) के बैनर तले आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ने पर सहमत हो गए हैं। आपको बता दें कि सीट शेयरिंग दोनों के बीच विवाद का मुद्दा रहा है, जिसे अब अंतिम रूप दे दिया गया है सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसकी घोषणा करते हुए पुष्टि की कि कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा3. हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि कौन सी पार्टी कौन सी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। समाजवादी पार्टी पहले ही 31 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. इनमें संभल, बदांयू, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, खीरी, धौरहरा, उन्नाव, लखनऊ, फर्रुखाबाद, अकबरपुर, बांदा, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, बस्ती, गोरखपुर, कैराना, बरेली, हमीरपुर, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, आंवला, मिश्रिख, मोहनलालगंज, प्रतापगढ़, बहराईच, गोंडा, गाज़ीपुर, और चंदौली, शाहजहाँपुर, हरदोई शामिल हैं।
#WATCH | Moradabad, UP: On asking why he was not present twice for the Bharat Jodo Nyay Yatra, Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav says, “All is well that ends well… Yes, there will be an alliance. There is no conflict. Everything will be out and clear soon… All is well that… pic.twitter.com/fOmkbYUm9B
— ANI (@ANI) February 21, 2024
इसके अलावा पार्टी ने अमरोहा से महबूब अली और रामअवतार सैनी, कन्नौज और आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव और बागपत से मनोज चौधरी को प्रभारी घोषित किया है हालाँकि, हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि तीन प्रमुख सीटों के आवंटन पर असहमति के कारण दोनों दलों के बीच बातचीत में रुकावट आ गई है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 17 लोकसभा सीटों की पेशकश की है, लेकिन इस पेशकश पर अंतिम फैसला होना बाकी है।
इस गठबंधन को आगामी चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। हालाँकि, सीट-बंटवारे समझौते को लेकर अनिश्चितता ने इस राजनीतिक साझेदारी के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।